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आंदोलनरत स्वास्थ्य सहियाओं ने प्रशिक्षण कार्यक्रम का किया विरोध, समर्थन में आए डॉ संजय गिरी ने कहा…

स्वास्थ्य सहियाओं की मांग है जायज; आज के महंगाई के दौर में ₹2000 महीने में घर चला कर दिखाए सरकार।

सरायकेला Sanjay । सम्मानजनक मानदेय वृद्धि सहित सेवा गारंटी को लेकर बीते 23 जनवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल कर रही स्वास्थ्य सहियाओं ने बृहस्पतिवार को सरायकेला में आयोजित किये जा रहे सहियाओं उनके प्रशिक्षण कार्यक्रम का विरोध किया। इसे लेकर दर्जनों की संख्या में आंदोलनरत स्वास्थ्य सहिया प्रशिक्षण स्थल पर पहुंचे। और झारखंड प्रदेश स्वास्थ्य सहिया संघ के सरायकेला-खरसावां जिलाध्यक्ष आशा कुमारी के नेतृत्व में जमकर नारेबाजी की। मौके पर जिला अध्यक्ष आशा कुमारी ने कहे कि हमारी मांगे सरकार से हैं। और जिले में सहिया एकता को तोड़ने का काम किया जा रहा है। जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि समूचे जिले की सहियाएं अपनी मांगों को लेकर एकजुट हैं। स्वास्थ्य सहिया रूमा दत्ता ने कहा कि हमारी मांगे जायज है। बावजूद इसके सरकार हमारे आंदोलन को अनसुनी कर रही है। जिसका प्रभाव स्वास्थ्य क्षेत्र में देखा जा रहा है। 15 सूत्री मांगों के संबंध में बताया गया कि प्रमुख मांगों में प्रोत्साहन राशि के बदले ₹18000 प्रति माह का वेतनमान, ₹50 लाख का स्वास्थ्य बीमा, पीएफ की सुविधा सहित अन्य मांगे शामिल है।

इस दौरान संपूर्ण मानवता कल्याण संघ के अध्यक्ष डॉ संजय गिरी भी आंदोलनरत स्वास्थ्य सहियाओं के समर्थन में सरायकेला पहुंचे। और हड़ताली स्वास्थ्य सहियाओं को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि समूचे झारखंड प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ बनी स्वास्थ्य सहियाओं की मांगे जायज है। 8 घंटे की बजाय 24 घंटे का कार्य करती हुई स्वास्थ्य सहियाए आज ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूती प्रदान किए हुए हैं। बावजूद इसके मात्र ₹2000 के अल्प प्रोत्साहन राशि पर सरकार द्वारा इनसे काम लिया जा रहा है।

जबकि आज के इस महंगाई के दौर में ₹2000 में महीने में चाय नाश्ता तक संभव नहीं है। मौके पर उन्होंने सरायकेला-खरसावां जिला सहिया टीम का गठन करते हुए कहा कि ये स्वास्थ्य सहियाओं की अधिकार की लड़ाई है। और मांगे पूरी होने तक आंदोलन जारी रहेगा।

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