नव भारत साक्षरता कार्यक्रम के तहत साक्षर बनने के लिए सरायकेला प्रखंड के 53 परीक्षा केंद्रों पर 1121 अल्प साक्षर एवं निरक्षरों ने दी परीक्षा . . .
अल्प साक्षर एवं निरक्षर जनों के लिए नव भारत साक्षरता कार्यक्रम सर्टिफाइड साक्षर बनने का है सुनहरा अवसर: रबिकांत भकत।
सरायकेला : Sanjay
15 साल या उससे अधिक उम्र के ऐसे व्यक्ति जो किसी कारण से निरक्षर रह गए या फिर अल्प साक्षर होने के बावजूद भी उनके पास कोई शैक्षणिक प्रमाण पत्र नहीं है, उन्हें नव भारत साक्षरता कार्यक्रम सर्टिफाइड साक्षर बनने का सुनहरा अवसर प्रदान करता है। इसी उद्देश्य के साथ नव भारत साक्षरता कार्यक्रम के पोर्टल पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करा कर निरक्षरों एवं अल्प साक्षरों के लिए उन्हीं के क्षेत्र में परीक्षा केंद्र बनाकर परीक्षा का आयोजन किया गया। सरायकेला प्रखंड में आयोजित उक्त परीक्षा को लेकर कुल 53 परीक्षा केंद्र बनाए गए। जिसमें कुल 1121 निरक्षर एवं अल्प साक्षर जन परीक्षा में शामिल हुए। मौके पर परीक्षा संचालन का अनुश्रवण करते हुए सरायकेला प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी रबिकांत भकत ने बताया कि उत्साह के साथ रजिस्ट्रेशन कारण अल्प साक्षर एवं निरक्षर जन परीक्षा में शामिल हुए हैं। जो आज के समय में पढ़ाई का महत्व पहचानते हुए पढ़ाई के प्रति उनकी प्रबल इच्छा को दर्शा रहा है। उन्होंने बताया कि एनआईओएस के माध्यम से ऐसे निरक्षर या अल्प साक्षर साल में दो बार अपने ही क्षेत्र में परीक्षा केंद्र पर परीक्षा देकर अपनी पढ़ाई बेहतर ढंग से कर सकते हैं। इसके अलावा प्रमाण पत्र के साथ वे आगे की पढ़ाई भी कर सकते हैं।
मध्य विद्यालय बड़बिल परीक्षा केंद्र पर जागरूकता पूर्वक आयोजित की गई उक्त परीक्षा का संचालन करते हुए केंद्राधीक्षक सह विद्यालय के प्रधानाध्यापक प्रवेन्द्र कुमार ने बताया कि क्षेत्र में विशेष कर ग्रामीण इलाके में लोगों को कार्यक्रम के संबंध में जागरूक करने पर उनमें शिक्षा के प्रति भरपूर उत्साह देखने को मिला। जिन्होंने अपनी शिक्षा को जारी रखने का संकल्प लेते हुए पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करा कर परीक्षा केंद्र पर परीक्षा देने के लिए उपस्थित हुए हैं। इस अवसर पर क्षेत्र के शिक्षक गंगाराम गागराई ने परीक्षा का सफल संचालन किया।
परीक्षा में शामिल कविता गोडसोरा ने बताया कि परीक्षा में शामिल होकर उन्हें काफी खुशी महसूस हो रही है। इच्छा रहने के बावजूद भी पढ़ाई पूरी नहीं कर पाने की अधूरी तमन्ना को अब वे पूरी कर पा रही है। कविता ने इसके बाद भी आगे की पढ़ाई जारी रखने की बात कही।
एक अन्य परीक्षा में शामिल सोमबारी महाली ने कहे कि परीक्षा में सफल होकर वह भी अब समाज में साक्षर होने की भूमिका निभा सकेगी। और अपने घर परिवार को अपनी साक्षरता के माध्यम से बेहतर संवारने का कार्य करेगी।