बुखार से पीड़ित होने के बाद महाप्रभु विश्राम के लिए गए अन्नसर
गृह में; श्री मंदिर का सिंहासन हुआ खाली; 29 को नवयौवन रूप में
दर्शन देंगे महाप्रभु।
सरायकेला। सरायकेला की परंपरागत प्राचीन रथ यात्रा परंपरा का शुभारंभ बीते मंगलवार को देव स्नान पूर्णिमा के साथ किया गया। इसके साथ ही देव स्नान पूर्णिमा पर महास्नान के बाद खट्टे आमड़े की सब्जी का सेवन कर महाप्रभु ज्वर से पीड़ित हो गए। जिसके बाद उन्हें श्री मंदिर स्थित अन्नसर गृह में स्वास्थ्य लाभ और विश्राम के लिए लाया गया। जहां महाप्रभु का स्वास्थ्य लाभ के साथ साथ समुचित परंपरागत इलाज भी सिर्फ मंदिर के पुजारी पंडित ब्रह्मानंद महापात्र द्वारा चलाया जाएगा। इसके साथ ही श्री मंदिर का सिंहासन अगले 15 दिनों के लिए खाली हो गया। जिस का दर्शन करते हुए भक्तों ने परंपरा अनुसार आराधना भी किए। हालांकि श्री मंदिर के बंद दरवाजे से ही भक्तों ने सिंहासन के दर्शन और पूजा अर्चना किए। बताया गया कि परंपरा अनुसार आगामी 29 जून को नेत्र उत्सव पर महाप्रभु श्री जगन्नाथ अपने भक्तों को नवयौवन रूप में दर्शन देंगे। जिसके बाद वार्षिक रथयात्रा का शुभारंभ होगा।