भगवान शिव की आराधना के साथ परंपरागत चैत्र पर्व का हुआ आगाज….
बतौर यजमान सरायकेला एसडीओ ने अष्ट भैरव की आराधना कर क्षेत्र के सुख, शांति एवं समृद्धि की मंगल कामना की…
सरायकेला:संजय मिश्रा
सरायकेला। मर्जर एग्रीमेंट के तहत सरकार द्वारा तत्कालीन सरायकेला स्टेट के सभी स्थानीय धार्मिक परंपराओं का निर्वहन किया जाता है। इसी क्रम में राज्य सरकार और जिला प्रशासन के तत्वावधान आयोजित होने वाले परंपरागत चैत्र पर्व का रविवार को भगवान शिव की आराधना के साथ शुभारंभ किया गया।
इस अवसर पर भैरव साल में राजकीय छऊ नृत्य कला केंद्र के सचिव सह सरायकेला अनुमंडल पदाधिकारी सुनील कुमार प्रजापति ने बतौर यजमान भगवान भोलेनाथ सहित अष्ट भैरव की आराधना की। मौके पर आयोजन के संचालक रंजीत आचार्य एवं समिति सदस्य तपन कुमार पटनायक, सुशांत कुमार महापात्र, नाथू महतो तथा अनुमंडल कार्यालय कर्मी सुरीन झा, राजेश महापात्र, राजेश द्विवेदी, कृष्ण चंद्र सोय, जीवन सिंह मोदक, कृष्णा टुडू सहित केंद्र के तकरीबन 150 कलाकारों ने भी अष्ट भैरव की आराधना करते हुए क्षेत्र के सुख, शांति एवं समृद्धि की मंगल कामना की।
मौके पर पुजारी पंडित फलक सतपति द्वारा विधिवत मंत्रोच्चार के साथ पूजा संपन्न कराया गया। जिसके बाद कलाकारों ने परंपरा अनुसार ढाल और तलवार हाथों में धारण कर भैरव स्थान पर फरिखंडा सामरिक छऊ नृत्य का प्रदर्शन किया। मौके पर आयोजन के संचालक रंजित अचार्य ने बताया कि परंपरागत चैत्र पर्व का शुभारंभ शिव और शक्ति की आराधना के साथ की जाती है। जिसके तहत शक्ति की आराधना स्वरूप झुमकेश्वरी स्थल में मां झुमकेश्वरी की आराधना की जाएगी।
इसके साथ ही सोमवार से चड़क पूजा का शुभारंभ हो जाएगा। जिसे परंपरा अनुसार 13 जाति के 13 भोक्ता द्वारा घट पाट परंपरा का निर्वहन किया जाएगा। इसके तहत सोमवार को शुभ घट का आगमन होगा। और 5 से 9 अप्रैल तक पाट भोक्ताओं द्वारा घोंडा जात्रा का आयोजन किया जाएगा। 10 अप्रैल को यात्रा घट, 11 अप्रैल को वृंदावनी घट, 12 अप्रैल को गौरैयाभार घट और 13 अप्रैल की मध्य रात्रि को कालिका घाट के आगमन के साथ चैत्र पर्व का समापन किया जाएगा। 14 अप्रैल को पाट संक्रांति पहली वैशाख नववर्ष का आयोजन किया जाएगा।
छऊ महोत्सव-2023 में नृत्य उत्सव का होगा आयोजन:-
छऊ महोत्सव-2023 के तहत 11 एवं 12 अप्रैल को बिरसा मुंडा स्टेडियम में मुख्य मंच से अंतर्राज्यीय एवं ग्रामीण छऊ दल का नृत्य प्रदर्शन किया जाएगा। 13 अप्रैल को राजकीय चैत्र पर्व का जागरण नवरात्रि के साथ समापन समारोह आयोजित करते हुए पूरे रात भर परंपरा अनुसार सरायकेला शैली छऊ नृत्य का प्रदर्शन किया जाएगा।