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पोषण वाटिका को लेकर बीडीओ ने चयनित विद्यालयों के प्रधान शिक्षकों के संग की बैठक…

सरायकेला:संजय मिश्रा

सरायकेला। प्रखंड संसाधन केंद्र सरायकेला में प्रखंड विकास पदाधिकारी सरायकेला मृत्युंजय कुमार की अध्यक्षता में विद्यालयों में पोषण वाटिका संचालन को लेकर बैठक की गई। जिसमें पोषण वाटिका कार्य करने हेतु जिला स्तर से प्राप्त दिशा निर्देश के आलोक में 18 विद्यालयों में पोषण वाटिका का संचालन हेतु प्रखंड संसाधन केंद्र से ₹5000 प्रत्येक विद्यालय को दिया गया है। बताया गया कि अन्य कार्य सभी मनरेगा के माध्यम से संचालन होगा। इसके तहत प्रखंड विकास पदाधिकारी द्वारा सभी प्रधानाध्यापक को इस विषय पर जानकारी दी गई। इसके साथ साथ किचेन शेड मरम्मति के लिए कुल 25 विद्यालयों का चयन हुआ है।

उन सभी शिक्षकों को भी निर्देश दिया कि आगामी 19 जुलाई तक मरम्मति कार्य पूर्ण करते हुए जिला कार्यालय में उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा करेंगे। अन्यथा की स्थिति में संबंधित विद्यालय के प्रधानाध्यापक की जिम्मेवारी होगी। मौके पर पोषण वाटिका का पोषण समिति का भी गठन किया गया। मध्यान्ह भोजन योजना के प्रभारी राजाराम महतो ने बताया कि किचेन शेड मरम्मति के कार्य को लेकर जिला शिक्षा अधीक्षक सरायकेला खरसावां की बैठक बीते 13 जुलाई को आहूत की गई थी। जिसमें जिला शिक्षा अधीक्षक द्वारा स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि किचन शेड मरम्मति का कार्य आगामी 18 जुलाई तक निश्चित रूप में पूर्ण करना सुनिश्चित करेंगे। बैठक में मुख्य रूप में उपस्थित थे प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी सरायकेला रबिकांत भकत एवं मध्यान्ह भोजन योजना प्रभारी राजाराम महतो सहित संबंधित विद्यालयों के प्रधानाध्यापक उपस्थित रहे।

विद्यालयों में पोषण वाटिका होगा खास:-
स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग झारखंड सरकार के सचिव के निर्देश पर विद्यालयों में बनाए जाने वाले पोषण वाटिका में स्कूली बच्चों के के भोजन में पौष्टिकता को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न प्रकार के पौधों से पोषण वाटिका को सुसज्जित किया जाएगा। योजना के माध्यम से बच्चों को पौष्टिक सब्जियों एवं फलों को उगाने की तकनीक सिखाने के साथ साथ उनके पोषण सुनिश्चित करने का उद्देश्य स्थापित किया गया है। जिसके तहत एक पोषण वाटिका में सभी ऋतुओं के लिए पपीता, केला, मूनगा या मोरिंगा या सहजन और कटहल के पौधे लगाए जाएंगे। ग्रीष्म ऋतु में भिंडी, नेनुआ, बोदी, कोहड़ा, लौकी और चौलाई के पौधे लगाए जाएंगे। वर्षा ऋतु में फरसबीन, लौकी, पोई साग और टमाटर लगाए जाएंगे। तथा शरद ऋतु में धनिया, मेथी, पालक, गाजर, चुकंदर, बैगन एवं टमाटर के पौधे लगाए जाएंगे।

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