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गरीब की थाली से गायब हुई सब्जी; मध्यमवर्गीय सब्जी खरीदने के लिए टटोल रहे अपनी जेब…

सब्जी बाजार में महंगाई की मार: टमाटर की लाली गई और गया मिर्चा का तीखापन।

सरायकेला:संजय मिश्रा

सरायकेला। खाने का सबसे महत्वपूर्ण अंग पोषण और स्वाद बढ़ाने वाली सब्जी इन दिनों अपने पूरे तेवर में है। आसमान छूते सब्जियों के भाव गरीब परिवारों को पूरी तरह सब्जी से दूर किए हुए हैं। जहां गरीब की थाली से सब्जी पूरी तरह से नदारद बनी हुई है। इधर मध्यम वर्गीय परिवार सब्जी खरीदने के लिए अपनी जेब टटोलते और बजट संभालते नजर आ रहे हैं। इस पर सब्जियों में स्वाद बढ़ाने वाली टमाटर का तेज अपने पूरे शबाब पर बना हुआ है। जबकि सब्जी के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण हरा मिर्चा आम आदमी की पहुंच से बाहर नजर आ रहा है। बहरहाल पूरे मामले में सब्जी खरीदने बाजार जा रहे लोग बेहद मायूसी के साथ सब्जियों की बढ़ी महंगाई को कोसते हुए लौटते नजर आ रहे हैं। मजे की बात है कि खाने जैसी महत्वपूर्ण विषय पर सब्जियों के बढ़े कीमत पर तथाकथित समाजसेवी भी बोलते हुए नजर नहीं आ रहे हैं। वहीं सोशल मीडिया में सब्जियों के बढ़े कीमतों पर काफी तंज और व्यंग के दौर भी जारी है।

सब्जियों के बढ़े भाव के कारण:-
आसमान छूती सब्जियों के भाव के पीछे कारण की जानकारी देते हुए स्थानीय सब्जी विक्रेता जगन्नाथ सारंगी बताते हैं कि मौसम की मार के कारण लोकल सब्जियां बाजार में काफी कम पहुंच रही है। नीमडीह सब्जी मंडी से पहुंचने वाले सब्जी भी लगभग बंद जैसी स्थिति में है। वही जमशेदपुर सब्जी मंडी से पहुंच रही सब्जियां महंगे रेट में उपलब्ध हो रही हैं। जिसके कारण सब्जियों का बाजार भाव बढ़ा हुआ है। लोकल सब्जियां बाजार में पहुंचने के साथ ही सब्जियों के बाजार भाव में कमी आने की संभावना है।

सोशल मीडिया पर देखें तंज:-
टमाटर की बढ़ी कीमतों पर पारा शिक्षक कुणाल दास सोशल मीडिया के माध्यम से तंज प्रकृति कविता लिखते हैं…

 

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