आर्का जैन विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में शामिल हुए
राज्यपाल रमेश बैस….
सरायकेला : जिले के गम्हरिया प्रखंड अंतर्गत मोहनपुर स्थित आर्का जैन विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह में राज्यपाल रमेश बैस शामिल हुए, यहाँ राज्यपाल ने विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं को उपाधि समेत गोल्ड मेडल से सम्मानित किया
सोमवार को गम्हरिया स्थित आर्का जैन विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत में शामिल होने पहुंचे राज्यपाल रमेश बैस को गार्ड ऑफ ऑनर देकर सम्मानित किया गया, जिसके बाद पारंपरिक नृत्य संगीत से राज्यपाल का अभिनंदन करते हुए उन्हें मंच पर आसीन कराया गया। दीक्षांत समारोह के दौरान राज्यपाल ने आर्का जैन विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं को उपाधि और टॉपर छात्रों को गोल्ड मेडल देकर सम्मानित किया, राज्यपाल द्वारा यहां 31 छात्रों को गोल्ड मेडल प्रदान किया गया।
4 पीएचडी स्कॉलर छात्रों को डॉक्टरेट की उपाधि दी गई, इसके अलावा कुल 1800 छात्र-छात्राओं के बीच डिग्री सर्टिफिकेट बांटे गए। दीक्षांत समारोह में सम्मानित अतिथियों में जमशेदपुर सांसद विद्युत वरण महतो, पश्चिम सिंहभूम सांसद गीता कोड़ा, अर्का जैन विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ एसएस रज्जी मुख्य रूप से शामिल रहे।
क्वालिटी एजुकेशन पर हो फोकस ताकि छात्रों को राज्य ना छोड़ना पड़े
दीक्षांत समारोह में शामिल होते हुए ,राज्यपाल रमेश बैस ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि, राज्य में क्वांटिटी नहीं बल्कि क्वालिटी एजुकेशन स्थापित हो, ऐसे प्रयास किए जा रहे हैं। राज्यपाल ने निजी विश्वविद्यालय के शिक्षा प्रणाली के संबंध में कहा कि अक्सर सुनने को मिलता है कि निजी विश्वविद्यालयों में पढ़ाई नहीं होती और छात्रों को सर्टिफिकेट बांट दिए जाते हैं ।लेकिन ऐसा प्रयास होगा कि छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा राज्य में ही मिले ताकि राज्य के छात्रों को शिक्षा के लिए पलायन ना करना पड़े। राज्यपाल ने कहा कि जब तक ये झारखंड में रहेंगे तब तक राज्य के शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ और बेहतर करने का काम करते रहेंगे।
शिक्षकों की कमी की समस्या पर राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि, विगत 6 महीने के अंतराल में इन्होंने 400 से भी अधिक शिक्षकों की नियुक्तियां विश्वविद्यालय स्तर पर की है। इन्होंने कहा कि जब पदभार संभाला तब 42 विश्वविद्यालयों में प्रिंसिपल नहीं थे ,कई विश्वविद्यालयों में एग्जाम कंट्रोलर की कमी थी ,एक्टिंग कुलपति कार्यरत थे, इन सभी कमी को देखते हुए पदों पर पूर्णकालिक नियुक्तियां भी की गई है ,और आगे भी विश्वविद्यालय समेत महाविद्यालय की कमियों को दूर किया जाएगा।