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सरस्वती शिशु मंदिर उच्च विद्यालय सरायकेला में

मना गोस्वामी तुलसीदास जयंती समारोह….

 

सरायकेला (संजय मिश्रा) – श्रावण शुक्ल सप्तमी के अवसर पर सरस्वती शिशु मंदिर उच्च विद्यालय सरायकेला के शांतिकुंज में गोस्वामी तुलसीदास जी की जयंती मनाई गई। सर्वप्रथम गोस्वामी तुलसीदास जी की तस्वीर पुष्प अर्चन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।

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वंदना के बाद विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने तुलसीदास जी के जीवन परिचय के बारे में अपने अपने विचार व्यक्त किए। और साथ ही गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा रचित भक्ति के पद को भी गाकर सुनाया। इस अवसर पर प्रधानाचार्य पार्थसारथी आचार्य ने गोस्वामी तुलसीदास जी के जयंती पर सभी को बधाई दी। और तुलसीदास जी के संघर्ष में जीवन के बारे में अपने विचार प्रस्तुत किए।

उन्होंने कहा कि तुलसीदास के जीवन से हमें यह शिक्षा मिलती है कि जीवन में संघर्ष आते रहते हैं। और हमें संघर्षों का मुकाबला करके आगे बढ़ने की प्रेरणा लेनी चाहिए। जो संघर्षों से डर कर रह जाते हैं, वे जीवन पथ पर आगे नहीं बढ़ सकते। तुलसीदास जी का जीवन संघर्षों का जीवन रहा।

जन्म के साथ माता पिता ने उन्हें त्याग दिया, चुनिया दासी ने इनका पालन पोषण किया। जब इनका उम्र पांच वर्ष का था, तो उसी समय चूनिया दासी की मृत्यु हो गई। जिससे उन्हें भिक्षा मांग कर अपना जीवन व्यतीत करना पड़ा। आगे चलकर रत्नावली से उनका विवाह हुआ।

उन्हें नरहरी दास के रूप में गुरु मिले और उन्हें रामचरितमानस लिखने की प्रेरणा मिली और उन्होंने अथक परिश्रम से रामचरितमानस महाकाव्य की रचना की। उनका जीवन हम सभी के लिए निश्चित रूप से प्रेरणा का स्रोत बना रहेगा।

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