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सक्सेस स्टोरी

समाज परिवर्तन का एक सशक्त माध्यम है एकल विद्यालय, उषा मार्टिन 10 ट्राईबल गांवों में चला रही अभियान…

राॅची : अर्जुन कुमार। उषा मार्टिन फाॅउंडेशन और एकल विद्यालय संयुक्त रूप से अनगड़ा प्रखंड के दस ट्राईबल गांवों में समाज परिवर्तन का अभियान चला रही है। इस अभियान के तहत संस्कार शिक्षा के माध्यम से वनवासी एवं जनजातीय समाज में अनेक सकारात्मक परिवर्तन हुए हैं। इन गांवों में ग्राम विकास के सम्पूर्ण कनसेप्ट को ही धरातल पर उतारा जा रहा है। इन गांवों के 300 से अधिक बच्चों एवं इतने ही परिवार के लोगांे में शिक्षा, स्वाभिमान एवं राष्ट्रनिर्माण का कार्य किया जा रहा है।
उषा मार्टिन फाॅउंडेशन के सचिव डाॅ मयंक मुरारी ने बताया कि दो साल पूर्व एकल अभियान को इन ट्राईबल गांवों में शुरू किया गया था। एकल विद्यालय धीरे-धीरे ग्रामीण आवश्यकताओं के आधार पर शिक्षा के बाद आरोग्य, ग्राम विकास, स्वाभिमान जागरण एवं संस्कार शिक्षा का पंचमुखी शिक्षा अभियान बन गया है। पाठ्यक्रम में बच्चों को बुनियादी शिक्षा और जीने के तौर-तरीकों के बारे में भी बताया जाता है, ताकि उनमें आत्मविश्वास की भावना पैदा हो। सीएसआर मैनेजर प्रिया बागची इन विद्यालय के बच्चों में अपनी परंपरा एवं संस्कार को देखकर बताती है कि इन बच्चों एवं इनके परिवार जनों को शिक्षा, संस्कार के साथ, वोकेशनल ट्रेनिंग ग्राम विकास विकास के विभिन्न माध्यामों से जोड़ने की जरूरत है, ताकि एक सर्वांगीण विकास को संभव बनाया जा सके।
अंचल ग्राम स्वराज योजना प्रमुख श्रीमान सूकारा महतो बताते है कि यह विद्यालय सासनबेड़ा, मसरीजारा, पइका, जरगा, मेढ़ा, बानपुर, असरी, जिरकी, जाराटोली, सालहन आदि गांवों में चल रहा है। इन विद्यालय के माध्यम से उषा मार्टिन ने अभी तक 600 अधिक बच्चों को अक्षर ज्ञान के साथ संस्कार एवं परंपरा का ज्ञान दिया है। सासनबेड़ा की स्कूल इंचार्ज आशापति देवी बताती है कि बच्चों में संस्कार के साथ अक्षर ज्ञान और गांव की महिलाओं में सांस्कृतिक जागरण के साथ ग्रामीण विकास के बारे में बताया जा रहा है। अंचल अभियान प्रमुख हीरालाल महतो ने कहा जहां आज भी सुदूरवर्ती इलाकों में शिक्षा की कोई व्यवस्था नहीं है। वैसे क्षेत्रों में एकल विद्यालय संचालित कर बच्चों को तीन घंटे की अनौपचारिक शिक्षा गांव के ही युवक और युवतियों द्वारा दी जाती है।
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