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एक अदद ताजे फूल को तरसती रही डेली मार्केट स्थित भारत रत्न डॉ राजेंद्र प्रसाद की प्रतिमा

जो बात सिद्धांत में गलत है वह बात व्यवहार में भी सही नही है .. ये बाते वर्षो पूर्व भारत रत्न डॉ राजेंद्र प्रसाद

ने कही थी जो वर्तमान में सरायकेला में देखने को मिल रहा है …..

सरायकेला – कहते हैं कि इतिहास के गौरव से वर्तमान संवरता है और भविष्य उज्जवल बनता है। परंतु महत्वपूर्ण अवसरों पर ही यदि इतिहास के महापुरुषों को बिसार दिया जाए तो वर्तमान और भविष्य की कल्पना करना बेमानी होगी। इस प्रकार वर्तमान पीढ़ी और आने वाली भावी पीढ़ी में ऐतिहासिक महापुरुषों के गौरव का ज्ञान लुप्त होगा। जो सामाजिक और राजनीतिक दोनों ही क्षेत्रों के लिए घातक माना जा सकता है।

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कुछ ऐसा ही वाकया शुक्रवार को देश के प्रथम राष्ट्रपति और संविधान के प्रणेता भारत रत्न डॉ राजेंद्र प्रसाद की जयंती पर सरायकेला में देखा गया। जहां उनकी जयंती जैसे महत्वपूर्ण अवसर पर ही डेली मार्केट स्थित उनकी प्रतिमा की ना तो साफ सफाई की गई। और ना ही एक ताजा फूल उनकी याद में उनके सम्मान में उनको अर्पण किया गया। ऐसे तो आए दिनों राजनीतिज्ञों और पद धारियों की प्रतिमा के समक्ष तस्वीरें खिंचाई जाने की घटनाएं होती रहती हैं। परंतु जयंती जैसे महत्वपूर्ण अवसर पर ऐसी घोर उपेक्षा को दुखद घटना बताया जा रहा है। इतना ही नहीं शाम ढलते ही शराबियों की महफिल बनने वाले उक्त स्थल के समीप शुक्रवार को भी प्रतिमा स्थल के पीछे शराब की बोतलें पड़ी देखी गई। जिसे साफ सफाई करने और हटाने की भी जहमत किसी भी स्तर पर नहीं की गई। बहरहाल दिलों में बसते देशरत्न भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद की उक्त प्रतिमा के समक्ष से गुजरते हुए बुद्धिजीवियों को दूर से ही उन्हें नमन करते हुए देखा गया। बताते चलें कि उक्त स्थल पर पुराने समय से ही डॉ राजेंद्र प्रसाद की प्रतिमा स्थापित रही है। जिसे वर्तमान समय में आकर्षक लुक के साथ स्थापित किया गया है। बावजूद इसके भी जयंती पर उनकी ओर किसी का ध्यान नहीं जाना दुखद बताया जा रहा है।

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