वनांचल 24 टीबी लाईव.कॉम की स्पेशल रिर्पोट
मानव सेवा के लिए यदि आप करना चाहते हैं शास्त्र सम्मत दान, तो यहां आइए…..
सरायकेला। धर्म शास्त्रों में भी कहा गया है कि सेवा में दान ऐसा करें कि एक हाथ से दें तो दूसरे हाथ को भी इसका पता नहीं चलना चाहिए। जिसके लिए नेकी कर दरिया में डाल की कहावत भी प्रचलित रही है। जबकि आज के सोशल मीडिया हाईटेक युग में दान का महत्व दानकर्ताधर्ताओं की नजर में 10% दान और 90% व्हाट्सएप फेसबुक पर वाहवाही लूटने और लाइक पाने के ट्रेंड के रूप में देखा जा रहा है।
देखा जाए तो शास्त्रों के अनुसार ही सरायकेला नगर पंचायत कार्यालय द्वारा नेकी करने के लिए गुप्त दान को लेकर नायाब पहल शुरू की गई है। जो कोरोना संकट संक्रमण काल में लगभग 2 वर्षों के विराम के बाद एक बार फिर से अपने अस्तित्व में आया है। शुक्रवार से शुरू किए गए नेकी की दीवार का रिस्पांस भी काफी बेहतर सामने आने लगा है। जिसमें लोग जरूरतमंदों के लिए अपने उपयोग की गई चीजें दिल खोलकर दान कर रहे हैं।
क्या है नेकी की दीवार :-
सरायकेला नगर पंचायत कार्यालय द्वारा वर्ष 2019 में इसकी शुरुआत की गई थी। परंतु साथ ही कोरोना संकट काल मंडराने के बाद लगभग 2 वर्षों के लिए नेकी की दीवार की उपयोगिता बंद रही थी। जिसके बाद शुक्रवार को इसे एक बार फिर से दानदाताओं और जरूरतमंदों के लिए खोल दिया गया है। नगर पंचायत कार्यालय इसकी माध्यम बनी है। जहां दानदाता लोग अपने घर में इस्तेमाल करने के बाद अनुपयोगी हो चुकी कपड़े एवं जूते चप्पलों को या फिर सामर्थ्य अनुसार नए कपड़े और नए जूता चप्पल यहां छोड़ जाते हैं। जिसे क्षेत्र के गरीब, भिखारी और जरूरतमंद अपने उपयोग के हिसाब से यहां से ले जाते हैं। नेकी की दीवार की देखरेख कर्ता बबन कुमार सिंह बताते हैं कि दानकर्ताओं के उत्साह के साथ साथ जरूरतमंद भी इससे लाभान्वित हो रहे हैं।
नगर पंचायत अध्यक्षा की अपील :-
नेकी की दीवार को लेकर सरायकेला नगर पंचायत अध्यक्षा मीनाक्षी पटनायक ने आमजन से अपील की है कि गरीब, भिखारी और जरूरतमंदों की सेवा के लिए नेकी की दीवार में दान कार्य में बढ़-चढ़कर सभी भाग ले। ताकि कोई भी जरूरतमंद गरीब भिखारी अभावग्रस्त नहीं दिखे।
” नेकी की दीवार के खोले जाने के बाद अच्छा रिस्पांस देखा जा रहा है।
लोग कपड़े एवं जूता चप्पल जैसी वस्तुएं दान कर रहे हैं।
और जरूरतमंदों को इससे लाभ मिल रहा है…”