हासा-भाषा संरक्षण को लेकर आदिवासी सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष
सालखन मुर्मू पहुंचे सरायकेला, कहा….. पांच राज्यों में जारी है आदिवासी
सशक्तिकरण अभियान।
सरायकेला। हासा-भाषा की सुरक्षा एवं विकास को लेकर आदिवासी सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सालखन मुर्मू मंगलवार को सरायकेला पहुंचे। जहां उन्होंने कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करते हुए अभियान के विभिन्न मुद्दों पर विचार विमर्श किया। मौके पर प्रेस से मिलते हुए
उन्होंने कहा कि आदिवासी सशक्तिकरण को लेकर पांच राज्यों झारखंड, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, बिहार और असम में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। और 50 जिलों में दो मांगों को लेकर जागरूकता रथ चलाए जा रहे हैं। इसके तहत अभियान की पहली मांग है कि आदिवासी प्रकृति पूजक है। इसलिए आदिवासियों की अस्तित्व की सुरक्षा को देखते हुए वर्ष 2022 में होने वाले जनगणना में सरना धर्म कोड के नाम से एक अलग कॉलम और अलग कोड लागू किया जाए। इसके अलावा दूसरे मांग के तौर पर आठवीं अनुसूची में शामिल संथाली भाषा को झारखंड के प्रथम राजभाषा का दर्जा दिया जाए। साथ ही हो, मुंडा, कुड़ूख एवं खड़िया भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल किया जाए।
उन्होंने बीते 21 दिसंबर को झारखंड विधानसभा में मॉब लिंचिंग को लेकर पारित किए गए विधेयक का समर्थन करते हुए कहा कि आदिवासी समाज में समाज सुधार को लेकर यह प्रथा जारी है। जिसके तहत डाडोम के तौर पर जुर्माना, बारोन के तौर पर सामाजिक बहिष्कार और डैमपत्ती के तौर पर डायन कुप्रथा को समाप्त करने जैसे सामाजिक सुधार कार्य परंपरागत आदिवासी संस्कृति में किए जाते रहे हैं। उन्होंने कहा कि पारित किए गए विधेयक से निश्चित रूप से समाज सुधार में प्रगति होगी। इस अवसर पर आदिवासी सेंगेल अभियान के केंद्रीय संयोजक सुमित्रा मुर्मू सहित झारखंड प्रदेश सेंगेल मंडवा अध्यक्ष अम्पा हेंब्रम, वीर हेंब्रम, सोनाराम हेंब्रम, दुर्गा चरण टूडू, जिलाध्यक्ष जादूनाथ मार्डी, श्रीमती हेंब्रम, सरिता टूडू, रूपी टुडू, कोल झारखंड बोदरा, पीरु हांसदा, धानो सोरेन, विनोद बिहारी कुजुर, लखन बंदिया, गगन टूडू, बागुन टूडू एवं खेलाराम मुर्मू मुख्य रूप से उपस्थित रहे।