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उकरी में ईंट भट्टा द्वारा संजय नदी का किया जा रहा अतिक्रमण,

नदी के अस्तित्व पर खतरा…….

सरायकेला : जिले के अतिक्रमणकारियो की नजर अब नदियो पर भी है। नदियो के अतिक्रमण से जहां नदियो की धारा संकुचित होने लगी है वही नदियो के अस्तित्व पर भी प्रश्न चिन्ह उठने लगी है। ऐसा ही हाल सरायकेला के सीनी स्थित उकरी से होकर बहने वाली संजय नदी का है। जहां अतिक्रमणकारियो ने नदी को सिमटाने में लगे है। सीनी उकरी आकर्षणी मार्ग पर उकरी के समीप संजय नदी पर बने पुल के समीप एक ईंट भट्टा है। नियमो को ताक पर रखकर वर्षो से संचालित उक्त ईंट भट्टा नदी को अपने कब्जे में लेना शुरु कर दिया है। उससे नदी के अस्तितव पर संकट खड़ा हो गया है।

ऐसे तो नदियो के संरक्षण को लेकर नदी के 100 मीटर के परिधि में अवैध निर्माण करना कानूनी जुर्म है। लेकिन उक्त ईंट भट्टा के समीप नदी किनारे सटकर मिट्टी मुरुम डाल कर अपने व्यवसाय को विस्तार कर नदी की चौड़ाई को कम करने का काम किया जा रहा है। इस दिशा में स्थानीय लोगो ने कई बार इसका विरोध कर चुके है। लेकिन संबंधित इकाई द्वारा इसे अपना जमीन कहकर टाल मटोल करते रहा है। नदियों की राह में लगातार किये जा रहे निर्माण पर प्रशासन भी खामोश है। इस तरह का निर्माण या कब्जा पूरी तरह अवैध होने के बावजूद उनको हटाने या रोकने की कोई कोशिश नहीं की जाती है। भूमिगत जल का स्तर ऊपर उठाने के लिए भी सरकार या प्रशासन द्वारा किया जा रहा प्रयास नगण्य है।

इन क्षेत्रों में दर्जनों की संख्या में मकान का निर्माण करा लिया गया है। नदियो के अतिक्रमण से नदी में पानी की स्तर कम होने लगी है आलम यह है कि नदी का जलस्तर जनवरी में घटने लगी है। नदियों के आसपास के क्षेत्र में भी भूमिगत जलस्रोत पाताल तक पहुंच गये हैं। डीप बोरिंग फेल हो रहे हैं। कई जगहों पर हजार फीट गहरे जाने पर भी पानी नहीं मिल रहा है।
इस संबंध में झामुमो के जिला उपाध्यक्ष संजय प्रधान ने बताया उकरी में नदी किनारे स्थित एनबीसी ईंट भट्टा द्वारा अवैध रुप से नदी का अतिक्रमण कर अपना व्यवसाय का विस्तार किया जा रहा है। इससे नदियो पर ही संकट आ गया है। नदी पर हो रहे अतिक्रमण से नदी का अस्तित्व संकट में है। नदी किनारे हो रहे अतिक्रमण के विरोध में सैकड़ो स्थानीय लोगो के साथ डीसी व कमिश्नर को ज्ञापन सौंपा जाएगा ताकि नदियो का संरक्षण हो सके।

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