सरायकेला – कठिन तप व्रत का त्यौहार जिउतिया व्रत सरायकेला सहित जिले भर में श्रद्धा भाव के साथ मनाया गया। इस अवसर पर माताओं ने निर्जला उपवास व्रत रखते हुए बुधवार की देर शाम शुद्धता के साथ स्नान ध्यान कर पूजा अर्चना किए। धार्मिक अनुष्ठान के अनुसार इस अवसर पर माताओं ने ऋतु फल प्रसाद का चढ़ावा चढ़ाते हुए राजा जीमूत वाहन की कथा का श्रवण किया। और अपनी संतान की सुरक्षा एवं दीर्घायु होने की मंगल प्रार्थना की। बृहस्पतिवार को जल ग्रहण कर व्रती माताएं निर्जला उपवास व्रत तोडेंगे। धार्मिक मान्यता है कि जितिया व्रत करने से संतानों पर संकट दूर होने के साथ-साथ दीर्घायु होने का फल प्राप्त होता है।