भू माफियाओं से प्रताड़ित मूल रैयतों ने उपायुक्त को ज्ञापन सौंपकर न्याय की गुहार लगाई।
सरायकेला -खरसावां(संजय मिश्रा) सरायकेला जिले भर में भू माफिया जोर शोर से सक्रिय हैं। इससे प्रताड़ित हो रहे चांडिल थाना अंतर्गत गौरी गांव के आदिवासी भूमिज समाज के मूल रैयत लोगों ने उपायुक्त को ज्ञापन सौंपकर न्याय की गुहार लगाई है।
गांव के मूल रैयत दशरथ सिंह, भोला सिंह मुंडा, विमला सिंह सरदार, टुई सिंह, गोविंद सिंह, अजीत सिंह सरदार, उदय सिंह, राजू सरदार, रूप सिंह भूमिज, उदय सिंह, भक्त रंजन भूमिज, नयन सिंह, राजेश मुंडा, सोनू सरदार, प्रकाश सरदार, जय सिंह भूमिज एवं भेया लाल सरदार ने उपायुक्त को ज्ञापन सौंपते हुए बताया है कि मौजा गौरी के खाता संख्या 125, प्लाट संख्या 467, रकबा 2 एकड़ 15 डिसमिल, खाता संख्या 131, प्लॉट संख्या 496, रकबा 30 डिसमिल एवं खाता संख्या 34, प्लाट संख्या 505, रकबा 45 डिसमिल के साथ कुल रकबा 4 एकड़ 51 डिसमिल है। जिसके मूल रैयत मोहन सिंह एवं मंगल सरदारिन के नाम खतियान में दर्ज है। जिस पर रैयत कृषि कार्य करते आ रहे हैं। इस दौरान जानकारी मिली कि बिष्टुपुर निवासी अतुल टंक एवं आदित्यपुर निवासी विजय राणा द्वारा उक्त जमीन को बिक्री नामा द्वारा अवैध रूप से अपना दावा किया जा रहा है।
बीते 13 जुलाई को एक दैनिक समाचार में छपी खबर से जानकारी मिली कि उक्त वर्णित जमीन को अतुल टंक विक्रेता के रूप में एवं विजय राणा क्रेता के रूप में अपना दावा प्रस्तुत करते हुए स्थानीय थाना प्रभारी और प्रशासनिक अधिकारियों की उपस्थिति में अनुमंडल पदाधिकारी के आदेशानुसार कागजात दिखाते हुए उक्त जमीन पर जबरन निर्माण कार्य करने का प्रयास किया जा रहा था। जिसे मूल रैयत एवं स्थानीय लोगों के विरोध के कारण निर्माण कार्य को रोका गया है। उन्होंने बताया है कि उक्त जमीन आदिवासी रैयत मोहन सिंह एवं मंगल सरदार इनके नाम से है। इसे देखते हुए सभी ने उपायुक्त से मांग की है कि स्थानीय प्रशासन से पूरे मामले की जांच कराते हुए भू माफियाओं के चंगुल से रैयतों को मुक्त करा कर न्याय दिलाया जाए। उन्होंने ज्ञापन की प्रतिलिपि मुख्यमंत्री, आदिवासी कल्याण मंत्री झारखंड सरकार, आदिवासी जनजाति कल्याण मंत्री भारत सरकार, आदिवासी जनजाति आयोग नई दिल्ली एवं इचागढ़ विधायक को भी भेजी है।