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विकसित गांव-विकसित भारत थीम पर आयोजित किसान समागम का राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन एवं केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने किया शुभारंभ; किसानों को मिला प्रशिक्षण और सम्मानित हुए प्रगतिशील किसान…

केंद्र की योजनाओं से कृषि क्षेत्र में हो रहा है क्रांतिकारी परिवर्तन: राज्यपाल।

प्रधानमंत्री के विकसित भारत के संकल्प को सब मिलकर पूरा करें: अर्जुन मुंडा।

संजय मिश्रा सरायकेला:

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय भारत सरकार के तत्वावधान विकसित गांव-विकसित भारत थीम पर खरसावां के गोंडपुर मैदान में किसान समागम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन एवं मुख्य अतिथि केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण सह जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा द्वारा किया गया।

इस अवसर पर केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की विभिन्न संस्थाओं, राष्ट्रीय बीज निगम, बिरसा कृषि विश्वविद्यालय, इफको, राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड, अटारी, कृषि विज्ञान केंद्रों, नेफेड, नाबार्ड और राज्य की विभिन्न संस्थाओं के साथ मिलकर किया गया। जिसमें हजारों की संख्या में किसान शामिल हुए।

मौके पर कृषि मेला सह प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल श्री राधाकृष्णन ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय लाल बहादुर शास्त्री द्वारा दिए गए जय जवान-जय किसान का नारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से सार्थक सिद्ध हो रहा है। प्रधानमंत्री से झारखंड के लिए रेलवे इलेक्ट्रिक लाइन सहित अन्य सुविधाओं के लिए किया गया आग्रह पूरा हुआ है। आज राष्ट्रपति पद को आदिवासी महिला श्रीमती द्रौपदी मुर्मू सुशोभित कर रही हैं। और इसी प्रकार आदिवासी नेता अर्जुन मुंडा को जनजातीय कार्य के साथ एवं किसान कल्याण जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालय का प्रभार प्रधानमंत्री ने सौंपा है।

किसान समागम में लगे स्टालों का अवलोकन करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने देश में कृषि क्षेत्र में अहम बदलाव को महसूस किया है। केंद्रीय योजनाओं के जरिए क्रांतिकारी बदलाव करते हुए कृषि को बढ़ावा दिया जा रहा है। देश के भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए अर्थव्यवस्था के रीढ हैं। इसे देखते हुए किसान हित में इस प्रकार का समागम अत्यंत सराहनीय है। प्रधानमंत्री किसानों की आय में वृद्धि के लिए पूर्णत: प्रतिबद्ध हैं।

मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने अपने संबोधन में कहा कि गांवों-कस्बों-शहरों को विकसित बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार योजनाबद्ध तरीके से काम कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2047 तक देश को विकसित बनाने का संकल्प लिया है। जिसे सबको मिलकर पूरा करना है। उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि सिर्फ एक फसल लेकर अपने खेतों को खाली नहीं रखें।

बल्कि बहूफसली प्रणाली अपनाकर आय बढ़ाते हुए देश के विकास में योगदान दें। केंद्र सरकार ने खेतों के मिट्टी की जांच करने की सुविधा मुहैया कराई है। उन्होंने झारखंड की माटी के वीर शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा कि इन्हें सच्ची श्रद्धांजलि तभी होगी जब हम अपने खेतों को हरा भरा बनाएं। खेतों के लिए ड्रोन एवं नैनो यूरिया का उपयोग भी इसमें अहम है। स्वयं सहायता समूह के माध्यम से मातृशक्ति गांवों को विकसित बनाने के लिए लगातार कार्य कर रही है।

जिनमें हजारों पीएम ड्रोन दीदी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि किसान हितैषी मोदी सरकार ने कृषि क्षेत्र को हमेशा प्राथमिकता पर रखा है। इसी क्रम में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के बजट को वर्ष 2013-14 के मुकाबले चालू वर्ष में लगभग सवा 5 गुना तक बढ़ाया गया है। आपदा प्रभावित किसानों को राहत के लिए भी केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को राशि उपलब्ध कराई है। साथ ही प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ झारखंड के किसानों को भी दिलाने के लिए अधिकारियों से कहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 6865 करोड़ रूपया बजट के साथ 10000 नए एफपीओ के गठन और संवर्धन के लिए नई केंद्रीय क्षेत्र की योजना प्रारंभ की गई थी। जिसमें लगभग सवा 7 हजार एफपीओ पंजीकृत किया जा चुके हैं। विकसित भारत संकल्प यात्रा के माध्यम से किसानों को लाभान्वित किया जा रहा है। मोदी जी की गारंटी की गाड़ियां गांव-गांव घूम रही है।

सुदूरवर्ती क्षेत्रों के आदिवासियों के कल्याण के लिए जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा कई कार्यक्रमों के साथ 24000 करोड़ रूपया की पीएम-जनमन योजना भी प्रारंभ की गई है। मौके पर राज्यपाल एवं केंद्रीय मंत्री ने प्रगतिशील किसानों को सम्मानित किया। किसान समागम में 150 से अधिक स्टाल लगाए गए। जिसमें किसानों के लिए केंद्र की योजनाओं का लघु फिल्म द्वारा प्रचार प्रसार किया गया। किसानों को इफको द्वारा नैनो यूरिया किट, एचआईएल द्वारा सुरक्षा किट और पौधों का वितरण किया गया।

चारा बीज उत्पादन पर प्रशिक्षण के साथ कृषि अवसंरचना कोष, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्राकृतिक खेती, ड्रोन का उपयोग, किसी को उद्यम के रूप में विकसित, नैनो यूरिया सहित पीपीवीएफआरए गतिविधियों और अन्य योजना के बारे में जागरूक किया गया। इस अवसर पर माध्यमिक कृषि, मुर्गी पालन एवं एकीकृत कृषि प्रणाली आदि से अवगत कराया गया। मेले में सांसद संजय सेठ, सांसद विद्युत वरण महतो सहित अन्य जनप्रतिनिधि, कृषि वैज्ञानिक और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

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