आदिवासी भूमिज- समाज झारखंड की ओर से बड़ा सिगड़ी बिरसा मंच में दो दिवसीय सामाजिक नेतृत्व कर्ताओं का परिचय सम्मेलन महत्वपूर्ण प्रस्ताव के साथ समापन हुआ…
जमशेदपुर/ पोटका अभिजीत सेन:
पोटका बड़ा सिगदी बिरसा मंच में आदिवासी भूमिज समाज झारखंड की ओर से दो दिवसीय सम्मेलन रखा गया था। 8 जनवरी 2024 को चुहाड़ विद्रोह के महानायक सुबल सिंह का फांसी दिवस एवं 9 जनवरी 2024 को बिरसा उलगुलान दिवस मनाया गया। बिरसा उलगुलान दिवस पर सर्वप्रथम आदिवासी भूमिज- समाज के लोगों द्वारा बिरसा मुंडा के फोटो पर मल्लार्पण करके, उलगुलान की यादें करते हुए, उपस्थित सभी के द्वारा संकल्प लिया गया।
जीसके पश्चात आदिवासी भूमिज- समाज के द्वारा सामाजिक नेतृत्वकर्ता का परिचय, सम्मेलन के महत्वपूर्ण प्रस्ताव के साथ समापन हुआ। प्रस्ताव संख्या एक/ आदिवासी भूमिज समाज के पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था का पुनर्गठन और सक्रीयकरण करने का प्रस्ताव पारित हुआ, दो,/ भूमिज स्वशासन व्यवस्था से तीड़ तरफ गादी परगना क्षेत्र का पुनर्गठन करना। और पुनर्गठन कर अधिकारियों को सक्रिय करना।
तीन,/ विलोपित किए गए भूमिज भाषा को द्वितीय राजभाषा से उसको शामिल करने के लिए ग्राम, पीड़, तरफ, से प्रस्ताव पारित कर सरकार को देना। चार/ आदिवासी भूमिज बहुल क्षेत्र के सरकारी स्कूलों में भूमिज भाषा को मातृभाषा में पढ़ने एवं 2004 की बोर्ड जो आठवीं, नौवीं का होगा उसमें भूमिज- छात्रों को भूमिज भाषा में लिखने का सरकार को लिखित देने का निर्णय लिया गया।
पांच/, आदिवासी भूमिज- समाज गांव, पीड़, तरफ, परगना क्षेत्र में जैविक खेती का विस्तार करना एवं पारंपरिक बीज भंडारण करने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया। मौके पर आदिवासी भूमिज समाज के महिला एवं पुरुष के द्वारा अपनी सांस्कृतिक वेशभूषा में आदिवासी गीत गाते हुए मॉडल,नागाडे के साथ नित्य प्रस्तुत किया गया।
सम्मेलन में आदिवासी भूमिज समाज के सहलाकर सिद्धेश्वर सरदार, अध्यक्ष जयपाल सिंह सरदार, हरीश भूमिज, सुदर्शन भूमिज, संजय सरदार, पुतुल सरदार, जयंती सरदार, मालती सरदार, विजय सरदार सुखदेव सरदार, दशरथ सरदार ,हेमंत सरदार, सुनीता सरदार, सुदर्शन भूमिज ,ग्राम प्रधान विमला सरदार ,शत्रुघ्न सरदार, बुद्धेश्वर सरदार, अजय सरदार, उमापद सरदार, के साथ आदि लोग उपस्थित रहे