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अखिल झारंखंड विस्थपित अधिकार मंच के बैनर तले आओं रांची राजभवन चलें विशाल पदयात्रा 1 अक्टुबर को सफल बनाने को लेकर अपील किया…

चांडिल (कल्याण पात्रा) राकेश रंजन अध्यक्ष अखिल झारंखंड विस्थपित अधिकार मंच ने शनिवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया की पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार अखिल झारखंड विस्थापित अधिकार मंच के बैनर तले विस्थापितों के विभन्न कुल 10 मांगों को लेकर सैकड़ों की संख्या में विस्थापित महिला पूरूष 1 अक्टुबर को चांडिल डेम स्थित कार्यक्रम स्थल से राजभवन रांची के लिए विशाल पदयात्रा की प्रारंभ होगी। वही राकेंश रंजन ने पदयात्रा के ठहराव की जानकारी देते हुये बताया कि पदयात्रा में शामिल विस्थापितों की पहली रात्रि विश्राम 1 अक्टूबर को नागासेरेंग हाई स्कूल में, 2 अक्टूबर को रात्रि विश्राम रामपुर नामकुम में एवं 3 अक्टूबर को नामकुम से राजभवन रांची को पदयात्रा की अंतिम पड़ाव होगी।

पदयात्रा के ठहराव की जानकारी

वही बताया कि 3 अक्टूबर की कार्यक्रमों में 84 मौजा के 116 गांवों के चांडिल डैम विस्थापितों ने अपने अधिकारों के लिए अपनी मांग पत्र के साथ एक दिवसीय सत्याग्रह धरना-प्रदर्शन करेंगे। अखिल झारखंड विस्थापित अधिकार मंच के अध्यक्ष राकेश रंजन महतो ने कहा कि आज एक शतक दिवस के संवैधानिक धरना प्रदर्शन के बावजूद भी विस्थापितों के अधिकार के लिए कोई सरकारी पदाधिकारी सकारात्मक वार्ता के लिए सामने नहीं आए इसक कारण आज विस्थापित पदयात्रा एवं सत्याग्रह धरना प्रदर्शन जैसे जोखिम भरे कार्यक्रमों को सरकार के सामने प्रदर्शन कर अपनी मांगों को मनवाने का प्रयास करेंगे।

विस्थापितों की 10 सूत्री मांगें:

1 .21 फरवरी 1981 ज्ञापन संख्या -796 बिहार सरकार सिंचाई विभाग द्वारा विशेष मापदंड एवं प्रक्रिया का निर्धारण कंडिका 2 (ए),(च) में अंकित नुसार प्रत्येक विकास पुस्तिका में विस्तापित परिवार को सरकारी नौकरी दिया जाए।
अथवा
उच्चतम न्यायालय द्वारा 8 फरवरी 2017 को मध्य प्रदेश में नर्मदा नदी पर सरदार सरोवर परियोजना के प्रत्येक विस्थापित परिवार के लिए 60 लाख रुपये मुआवजा देने के आदेश के तर्ज पर चाण्डिल डैम विस्थापितों को आज के महंगाई अनुसार मुआवजा दिया जाए।

2. 21 फरवरी 1981 ज्ञापन संख्या-796 बिहार सरकार सिंचाई विभाग द्वारा विशेष मापदंड एवं प्रक्रिया का निर्धारण 2 (ग) में अंकितनुसार प्रत्येक विस्थापित परिवार को 25 डिसमिल जमीन दिया जाना था, पर पुनरीक्षित पुनर्वास नीति 2012 के प्रवधानों (कडिका- 5.1 (क) के अनुसार अब 12.5 डीसमिल दिया जाना है, जिसे पुनरू 25 डीसमील किया जाए।

3. 84 मौजा 116 गांव का रिसर्वे किया जाए,एवं ईचागढ़ प्रखण्ड के उदल-बान्दू पंचायत के जामदोहा गांव को आधार बनाकर 2014 तक 18 वर्ष पूरा होने वाले सभी विस्थापितों के नाम विकास पुस्तिका निर्गत किया जाए।

4. 21 फरवरी 1981 ज्ञापन संख्या-796 बिहार सरकार सिंचाई विभाग द्वारा विशेष मापदंड एवं प्रक्रिया का निर्धारण कंडिका-3 में अंकितनुसार विस्थापित एवं सरकार के बीच सांमजस्य स्थापित हेतु समन्वय समिति परियोजना का गठन किया जाए एवं उस समिति में अखिल झारखंड विस्थापित अधिकार मंच को भी रखा जाए।

5. 21 फरवरी 1981 ज्ञापन संख्या-796 बिहार सरकार सिंचाई विभाग द्वारा विशेष मापदंड एवं प्रक्रिया निर्धारण कंडिका-4 में अंकितनुसार पुनर्वास के लिए मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराया जाए एवं पूनर्वास स्थल पर बसाए गए सभी विस्थापित परिवारों को जमीन का पट्टा दिया जाए।

6.चाडिल डैम द्वारा विस्थापन के बदले मिले मुआवजा, दिया गया नौकरी, निर्गत किया गया विकास पुस्तिका, पुनर्वास पैकेज, एवं पुनर्वास स्थल पर आंवटित किया गया प्लॉट का ब्.ठ.1 जाँच हो ।

7.जब तक विस्थापित अपना मूल विस्थापित गांव में निवास कर रहे हैं, सभी विस्थापित गांव एवं परिवारों को सभी सरकारी योजनाओं का लाभ मिलें एवं सभी विस्थापितों को खतियान के समतुल्य एक विशेष पहचान पत्र दिया जाए ।

8. 28 सितंबर 2022 को अनशन के दौरान चांडिल डैम कार्यालय परिसर के समक्ष ट्रैक्टर द्वारा कुचले जाने से घायल हुए व्यक्तियों को मुआवजा तथा सरकारी नौकरी दिया जाए।

9. चांडिल डैम के जल उपयोग करने वाले सभी कंपनी में चांडिल डैम विस्थापितों को नियोजन हेतु 30ः आरक्षण हो तथा चांडिल डैम के माध्यम से सृजित होने वाले हर योजना रोजगार और लाभ का पहला अधिकार चांडिल डैम विस्थापितों को प्राप्त हो।

10. जब तक चांडिल डैम विस्थापितों का संपूर्ण समस्या का समाधान ना हो चांडिल डैम का जलस्तर 177 त्स् पर रखा जाए।

वही इस आन्दोलन को सफल बनाने में सभी विस्थापित गांव से सभी सदस्यगण के साथ-साथ प्रमुख नेतृत्व में राजीव महतो, अरुण धीवर, विवेक सिंह बाबू, गीता रानी महतो, मंजू गोराई, लक्ष्मी महतो, प्रथमी महतो, मोनिका महतो, सिमंत कुमार महतो, काशीनाथ महतो, सागर महतो, सीताराम महतो ,त्रिलोचन महतो ,रामकृष्ण महतो, इंद्रजीत महतो, राजेश महतो, मलखान महतो, सुधांशु महतो ,तापस महतो, हाराधन महतो आदि ने अपना अहम योगदान दिया।

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