सक्सेस स्टोरी
उषा मार्टिन फाॅउंडेशन से आठ सौ परिवार को शुद्ध पेयजल की सुविधा
नौ सोलर जल मीनार एवं 30 चापाकल का मरम्मत
रांची। उषा मार्टिन फाॅउंडेशन की ओर से गरमी को ध्यान रखते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में शुद्ध पेयजल के लिए विशेष अभियान चलाया है। इसके तहत टाटीसिलवे स्थित कारखाने के समीपवर्ती 18 गांवों के बंद पड़े चापाकलों एवं जल मिनारों को मरम्मत कर ठीक कराया गया है। इसके अलावा इन जलमीनारों को सोलर लाइट से चलाने की व्यवस्था की गयी है। कई गांवों में इन जलमीनार के पास स्नान घर का भी निर्माणा कराया गया है। राजधानी में बढ़ती गरमी को देखते हुए इस अभियान से ग्रामीण लोगों में खुशी का माहौल है।उषा मार्टिन फाॅउंडेशन के सचिव डाॅ मयंक मुरारी ने बताया कि हरेक गांव के जनप्रतिनिधियों के माध्यम से आयी शिकायत के आधार पर प्राथमिकता के आधार पर जल मीनारों का मरम्मत कराया गया। लोगों को शुद्ध पेयजल की सुविधा में दिक्कत नहीं हो, इसके लिए कई जगहों पर सोलर लाइट भी लगाया गया है। फाॅउंडेशन की ओर से बडकुंभा और उलातु में नया जल मीनार लगाया गया है। जबकि मासू, उलातू,महिलौंग, होरहाप, हरातू, सिलवे की तहत टंकी बदलने के अलावा, सोलर पैनल एवं प्लंबिंग सिस्टम को नया लगाया गया है ताकि गरमी के दिनों में पानी की दिक्कत नहीं हो सके। इस सुविधा के कारण विभिन्न गांवों में चार सौ परिवार को शुद्ध पानी की सुविधा प्राप्त हो सकेगा। कई जगहों पर स्नान घर का भी निर्माण कराया गया है।इस पूरे अभियान में शुद्ध पेयजल के साथ जल संरक्षण पर भी जोर दिया गया है। लोगों को पानी के महत्व और विशेषकर गरमी में जल संकट के दौरान उसके उपयोग के बारे में भी लोगों को बताया है। इसके लिए जल सहिया एवं जनप्रतिनिधियों को जागरूक करने का अभियान चलाया जाता है। हरातू की मुखिया नूतन पाहन ने कहा है कि उषा मार्टिन के तहत पेयजल सुविधा के लिए किया गया कार्य काफी सराहनीय है। इससे लोगों में कंपनी के प्रति विश्वास बढ़ा है। वहीं टाटी के शैलेश कुमार मिश्रा ने कहा कि यह कंपनी के द्वारा हरेक साल कार्य किया जाता है। ग्रामीण विकास कार्यक्रम के तहत मासू, उलातू, टाटी पूर्वी एवं टाटी पश्चिम, महिलौंग, होरहाप, हरातू, सिलवे में जल मीनार का मरम्मत कराया गया है। इसके अलावा मासू, उलातू, टाटी पूर्वी एवं टाटी पश्चिम, महिलौंग, होरहाप, हरातू, सिलवे, जानुम, हेसल, बहेया, अनगड़ा इलाकों में चापकल मरम्मत कराया गया है।
डोभा का पानी पीने को थे मजबूर: फुलो विहां
बड़कुम्भा गांव के लटु टोला की फुलो विहां बताती है कि यह पेयजल का मिनार हमारे 30 घरों का सहारा बना है। गरमी के दिनों में पिछले साल दो किलोमीटर चलकर डोभा (डारी) से पानी लाना पड़ता था। अब शुद्ध पेयजल मिलने से बीमारी से बचाव हो सकेगा।
गरमी का सहारा बना जलमिनार
बडकुंबा के उपमुखिया अनूप एक्का कहते है कि हमारे गांव में खासकर गरमी के मौसम में पानी की समस्या बहुत अधिक होती थी। गांव के लोगों को शुद्ध पेयजल नहीं मिल पाता था। अब इस जल मिनार के होने से लोगों को दूर नहीं जाना होगा।
