सरायकेला-खरसावां (संजय कुमार मिश्रा) उपायुक्त अरवा राजकमल ने जिला समाहरणालय स्थित कार्यालय कक्ष में कोरोना संक्रमण के दूसरे वेब से प्रभावित हुए बच्चों के संरक्षण को लेकर विभागीय बैठक की. बैठक में उपायुक्त द्वारा जिले में कोरोना संक्रमण से प्रभावित हुए बच्चों ( ऐसे बच्चे जिनका संक्रमण से माता या पिता का देहांत हो गया हो ) के संरक्षण को लेकर सम्बंधित पदाधिकारियों को दिए. बैठक में डीएसडब्ल्यू ऑफिसर श्रीमती संध्या रानी के द्वारा कोरोना संक्रमण से प्रभावित बच्चों के संबंध में जानकारी दी गई. उन्होंने बताया कि जिले में सर्वे कर कोरोना से प्रभावित बच्चों की ऐसे बच्चों की पहचान की जा रही है. अब तक सर्वे के दौरान 12 बच्चे पाए गए हैं, जिनमें 6 बच्चे के माता-पिता और 6 बच्चे के पिता का कोरोना संक्रमण से देहांत हो गया है. उपायुक्त ने कोरोना से प्रभावित बच्चों के विद्यालयीकरण, चिकित्सीय परामर्श एवं उनके देखरेख की जिम्मेवारी का निर्देश दिया. उपायुक्त ने कहा कि ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता का देहांत हो गया है, उनके घर में यदि किसी ने बच्चो की देख रेख की जिम्मेवारी ली है तों उन्हें नियमानुसार सरकार के जनकल्याणकारी योजनाओं से लाभान्वित करें. यदि किसी बच्चे के पिता का निधन हो गया है और माता बच्चो के देख रेख में असमर्थ है, तों ऐसे में प्राथमिकता के आधार पर सरकार के जन कल्याणकारी योजना जैसे – पेंशन, राशन, आवास योजना से लाभन्वित करना सुनिश्चित करें. यदि इनमे कोई छात्रा है तों उन्हें इन सब के अलावे मुख्यमंत्री सुकन्या योजना से जोड़े. डीसी ने कहा कि सर्वे के दौरान जिले में कोरोना के अलावा अन्य किसी कारण से भी अनाथ हुए बच्चों की सूची तैयार करें, जिसे सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं से संरक्षण दिया जा सके. ऐसे बच्चो को सरकार के द्वारा सभी आवश्यक सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है. उपायुक्त ने कहा कि सरकार के नियमानुसार कोरोना संक्रमण से प्रभावित बच्चे जिनके माता-पिता का निधन हो गया है उन्हें स्पॉन्सरशिप योजना के तहत प्रतिमाह ₹2000 उपलब्ध कराने हेतु योजना से जोड़ा जायेगा. ऐसे बच्चे जिनके पिता का निधन हो गया है और माता असमर्थ है, उन्हें स्पॉन्सरशिप के तहत कुछ राशि उपलब्ध कराया जायेगा। जिससे बच्चे के विकास में कोई बाधा ना आए. बच्चो के संरक्षण हेतु परिवारों की आय के स्रोत बढ़ाने के लिए जिला प्रशासन सहयोग कर रही है. ऐसे बच्चो का जिम्मेवारी सरकार ने लिया है. जिला प्रशासन यह प्रयास कर रही है कि कोई भी बच्चा अनाथ ना हो, ऐसे बच्चो के संरक्षण हेतु जिला के पदाधिकारीगण को प्राथमिकता के तौर पर सरकार के बच्चो मानकर कर कार्य करने के निदेश दिए है.
शिशु प्रोजेक्ट किया गया है लांच
डीसी ने कहा कि उच्च न्यायालय के आदेश एवं ऐसे बच्चो के संरक्षण हेतु शिशु प्रोजेक्ट लांच किया गया है। उसके अनुरूप ही डालसा के सहयोग से भी ऐसे परिवार को चिन्हित किया जा रहा है. उनके देख रेख में ही बच्चो को सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं से लाभान्वित किया जाएगा. मौके पर डीडीसी प्रवीण कुमार गागाराई, डालसा सचिव कुलदीप मान, डीएसडब्ल्यू श्रीमती संध्या रानी, डीसीपीओ संतोष कुमार ठाकुर, एसएमपीओ नंदन उपाध्याय उपस्थित रहे.