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सरायकेला( संजय मिश्रा) कोविड-19 के विषम संकटकाल में जमाखोरी और मुनाफाखोरी रोकने तथा गरीबों तक अनाज पहुंचाने के लिए लगातार जिला प्रशासन द्वारा छापामारी जैसी कवायदें की जा रही हैं। बावजूद इसके गरीबों की अनाज पर डाका डालने के लत्ती हो चुके लोग अपनी हरकतों से बाज नहीं आते हुए देखे जा रहे हैं। इतना ही नहीं ऐसे कालाबाजारी और मुनाफाखोर गरीबों का अनाज डकारने वाले प्रशासन की नाक के नीचे से अनाजों का घपला करते हुए देखे जा रहे हैं। ऐसा ही एक मामला सरायकेला प्रखंड अंतर्गत सीनी के कृषोंपुर बेरगाडीह में सामने आया है। जहां गांव के लोगों के लिए महज 10 किलोमीटर की दूरी से पहुंचने वाला उनका 45 क्विंटल अनाज रास्ते में ही गायब कर दिया गया है। घटना की जानकारी देते हुए कृषोंपुर बेरगाडीह गांव के पीडीएस डीलर गणेश तियू बताते हैं कि उनको मिलने वाला महीने का 45 क्विंटल चावल एवं गेहूं का अनाज बीते 6 मई की तिथि से किसी ने फर्जी सिग्नेचर करके सरायकेला प्रखंड कार्यालय स्थित एफसीआई गोदाम से उठाव कर लिया। 6 मई को डिस्पैच के बाद अनाज उनके दुकान तक नहीं पहुंचा। बताते चलें कि डोर स्टेप डिलीवरी के तहत खाद्यान्नों के जन वितरण प्रणाली की दुकानों तक पहुंचाने का 2 साल का ठेका डीएसडी एजेंसी के प्रोपराइटर अनंत कुमार सिंह को दिया गया है।
एसडीओ के निर्देश पर बीडीओ ने किया निरीक्षण:- मामले के प्रकाश में आते ही सरायकेला अनुमंडलाधिकारी राम कृष्ण कुमार ने तुरंत मामले पर संज्ञान लिया। जिसके बाद उनके निर्देश पर प्रखंड विकास पदाधिकारी सरायकेला मृत्युंजय कुमार ने प्रखंड कार्यालय प्रांगण में स्थित एफसीआई गोदाम और कृषोपुर बेरगाडीह स्थित पीडीएस की दुकान पर जाकर स्थल निरीक्षण किया। आवश्यक कागजातों की जांच करते हुए उन्होंने कहा कि जल्द ही इसकी रिपोर्ट एसडीओ को सौंपी जाएगी।


जिला कांग्रेस कमेटी ने की शिकायत:-

मामले की जानकारी होते ही सरायकेला खरसावां जिला कॉन्ग्रेस कमेटी के जिलाध्यक्ष छोटराय किस्कू बेरगाडीह स्थित पीडीएस की दुकान पर पहुंचे। और संचालक गणेश तियू सहित ग्रामीण उपभोक्ताओं से मिलकर पूरा हाल जाना। इसके साथ ही उन्होंने प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी को पत्र लिखकर मामले की तत्काल जांच करते हुए दोषी पर कठोर कानूनी कार्यवाही करने की मांग की। उन्होंने कहा है कि कोरोना संकटकाल में एक ओर सरकार गरीबों को अनाज उपलब्ध कराने के लिए प्रयासरत है। वहीं दूसरी ओर लालची किस्म के गरीबों का ही अनाज गायब कर रहे हैं। जो बहुत बड़ा अपराध है। उन्होंने कहा है कि प्रथम दृष्टया में डोर स्टेप डिलीवरी करने वाली एजेंसी दोषी है। इसलिए उस पर प्राथमिकी दर्ज करते हुए निलंबन की कार्रवाई की जाए। उन्होंने बताया कि राशन कालाबाजारी के इस मामले से विभागीय मंत्री को भी अवगत कराया जाएगा।

मामले की जांच करते हुए डोर स्टेप डिलवरी के एजेंसी व दोनों डीलर को शो काज किया गया है ,साथ ही 24 घंटे के अंदर जबाब देने को कहा गया है। पूरे मामले की जांच की जिम्मेवारी एमओ को दिया गया है। जांच रिपोर्ट आने के बाद प्राथमिकी दर्ज करने की कारवाई की जाएगी।

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