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सरायकेला- खरसावां जिला के आदित्यपुर- 2 स्थित 111 से लाइव अस्पताल की जांच करने एडीसी सुबोध कुमार के नेतृत्व में 8 सदस्यीय टीम बुधवार को अस्पताल पहुंची. इस संबंध में एडीसी ने बताया, कि सिविल सर्जन के एक पत्र के आलोक में जिले के उपायुक्त द्वारा जांच टीम गठित कर रिपोर्ट मांगा गया है. सिविल सर्जन द्वारा अस्पताल के डॉक्टर को सूची उपलब्ध करा दी गई है. जिसकी जांच चल रही है. वहीं अस्पताल प्रबंधन द्वारा मंगलवार को जिले के उपायुक्त से अस्पताल में इलाजरत मरीजों को अन्यत्र शिफ्ट किए जाने के सवाल पर एडीसी ने कहा, उन्हें जिस संबंध में जांच की जिम्मेदारी दी गई है, उसी विषय पर सवाल किया जाए. फिलहाल जांच टीम को 72 घंटों में रिपोर्ट सौंपनी है. गौरतलब है, कि बीते शनिवार को अस्पताल के प्रबंधक डॉ ओपी आनंद ने राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के मौखिक आदेश पर जांच को पहुंचे प्रभारी सिविल सर्जन एवं दो अन्य पदाधिकारियों को अपेक्षित सहयोग करने के बजाय उनके साथ बदसलूकी की थी. इतना ही नहीं डॉक्टर ओपी आनंद ने मीडिया के समक्ष स्वास्थ्य मंत्री एवं जांच अधिकारियों के खिलाफ बेहद ही गैर जिम्मेदाराना और अश्लील शब्दों का प्रयोग किया था. जिसके बाद मामले पर संज्ञान लेते हुए जिले के एसपी के निर्देश पर आरआईटी थाने में कांड संख्या 68/ 21 के तहत धारा 341, 323, 340, 304, 506 और 188 के तहत मामला दर्ज किया जा चुका है. सभी धाराएं गैर जमानती हैं. उन्हें 48 घंटों के भीतर जवाब देने को कहा गया था. हालांकि सोमवार को डॉक्टर आनंद ने वीडियो जारी कर अपने बयान पर माफी मांगते हुए मीडिया पर पीत पत्रकारिता करने का आरोप लगाया था. साथ ही जांच अधिकारियों पर जबरन परेशान करने का भी आरोप लगाया था. वहीं मंगलवार को जिले के उपायुक्त के नाम एक सूचना अपने अस्पताल के गेट पर चस्पा कर उन्होंने एक नया विवाद को जन्म दे दिया. जिसमें उन्होंने जिले के उपायुक्त से अस्पताल में इलाजरत मरीजों को अन्यत्र शिफ्ट किए जाने की बात कही थी. साथ ही नए मरीजों को भर्ती लेने से मना कर दिया था. हालांकि मंगलवार को ही गम्हरिया एवं राजनगर के सीओ देर शाम जांच करने अस्पताल पहुंचे थे. इधर बुधवार को एडीसी के नेतृत्व में 8 सदस्यीय टीम ने जांच शुरू कर दी है. जांच टीम में सरायकेला एसडीओ रामकृष्ण कुमार, गम्हरिया सीओ मनोज कुमार, राजनगर सीओ धनंजय राय, जिला सर्विलांस पदाधिकारी डॉक्टर जुझार माझी व अन्य डॉक्टर एवं पदाधिकारी शामिल हैं. हालांकि अब तक डॉक्टर ओपी आनंद की गिरफ्तारी नहीं हुई है. जबकि उन पर लगे सभी धाराएं गैर जमानती हैं.

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