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जल ही जीवन:  जगन्नाथपुर में लाखों खर्च कर बनी जलमीनार बनी शोभा की वस्तु…..

सरायकेला: आम लोगों को शुद्ध पेयजल मुहैया कराये जाने के उद्देश्य से सरायकेला प्रखंड अंतर्गत मुरुप पंचायत के जगन्नाथपुर गांव में लाखों रूपये की लागत से बनी जलमीनार स्थानीय लोगों का मुंह चिढ़ा रही है. यह जलमीनार ग्रामीण जलापूर्ति योजना के तहत लगभग 40 लाख की लागत से वर्ष 2016 में बनाया गया था. लगभग 5-6 साल बीत जाने के बाद भी गांव के लोगों को अब तक इस जल मीनार से एक बून्द भी शुद्ध पेयजल नसीब नहीं हो पाया है। शुद्ध पेयजल के लिए लालायित लोग वर्षो पूर्व गांव में जलमीनार के बनने के बाद उत्साहित थे. लेकिन विभागीय उदासीनता के कारण यह जलमीनार ग्रामवासियों के लिए महज शोभा की वस्तु बन कर रह गयी है. 5 वर्ष पूर्व बना जलमीनार बेकार साबित हो रहा है। गौरतलब हो कि ग्रामीण क्षेत्र के हजारों की आबादी को स्वच्छ जल की आपूर्ति को लेकर सरकार व विभागीय प्रयास से ग्रामीण जल आपूर्ति योजना तहत वर्ष 2016 में लाखों की राशि खर्च कर जलमीनार बनवाया गया, लेकिन परिणाम ढाक के तीन पात ही साबित हो रहा है. ऐसी बात नहीं है कि उक्त जलमीनार से उपलब्ध कराये जाने वाली सेवा के मामले की जानकारी संबंधित विभाग को नहीं हैं. लेकिन विभागीय उदासीनता के कारण लोगों को समुचित योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है।

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जगह जगह लगा टोंटी दे रहा जबाब

शुद्ध पेयजल के लिए जनमीनार के निर्माण के साथ साथ गांव भर में पाइप भी बिछायी गयी. साथ ही दर्जनों स्थानों सहित सार्वजनिक स्थलों पर पक्कीकरण का कार्य कर नल भी लगाया गया. ताकि स्थानीय सहित आवाजाही करने वालों को स्वच्छ व आयरन मुक्त पानी उपलब्ध हो सके. लेकिन संबंधित विभाग द्वारा उक्त सभी नल का समुचित रख रखाव नहीं कराये जाने के कारण पाइप सहित नल जहां जीर्णशीर्ण अवस्था में है, वहीं कई स्थानों पर नल टूटा जंग के हवाले हो चुका है।

क्या कहते हैं ग्रामीण

स्थानीय ग्रामीण गणेश प्रधान ने बताया कि जलमीनार के निर्माण के बाद लोगों को स्वच्छ पानी पीने की उत्सुकता जगी और गांव के दर्जनों लोग स्वच्छ पानी के लिए विभागीय चक्कर भी काटने लगे। लेकिन विभागीय शिथिलता के कारण कनेक्शन तो दूर, जगह जगह सड़क के किनारे बनाया गया स्टैंड पोस्ट भी खंडहर में तब्दील हो गया है। देवीदत्त प्रधान ने बताया कि इस जलमीनार से न सिर्फ लोगो को स्वच्छ पानी की आस पर पानी फिरा बल्कि लाखों की लागत से बनाया गया जलमीनार शोभा की वस्तु मात्र बन कर रह गया है। शेखर प्रधान ने अपनी बात रखते हुए कहा कि 5 साल पूर्व बने जलमीनार के अब तक चालू नहीं होना विभागीय शिथिलता को दर्शाता है। ससमय ऐसे जनहित के कार्य में प्रखंड पदाधिकारियों को ध्यान देने की जरुरत है। बशिष्ट प्रधान ने बताया विभाग की ओर से जलमीनार से जल्द जल आपूर्ति शुरू नही होने पर ग्रामीण आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।

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