सरायकेला-खरसावां (संजय मिश्रा) चांडिल डैम में बड़े हुए जलस्तर को देखते हुए विस्थापित मुक्ति वाहिनी द्वारा स्वर्णरेखा परियोजना चांडिल के अधीक्षण अभियंता को ज्ञापन सौंपकर चांडिल डैम के फाटक खोलने की मांग की गई है। इस संबंध में ज्ञापन सौंपते हुए विस्थापित मुक्ति वाहिनी के वासुदेव आदित्य देव, श्यामल मार्डी, नारायण गोप, विजय महतो एवं अशोक हाँसदा सहित अन्य ने बताया है कि चांडिल डैम के फाटक बंद रहने के कारण विस्थापित क्षेत्र के गांव डूब जा रहे हैं। विस्थापित को अभी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। लोगो समय रहते सूचना नहीं रहने के कारण लोग अपना व्यवस्थित स्थान नहीं बना पाए हैं। पिछले वर्ष से कोरोना महामारी का दंश झेल रहे हैं। तथा विभागीय भुगतान कार्य भी बंद है। वाहिनी द्वारा बताया गया है कि यदि अभी जल स्तर बढ़ जाए तो विस्थापितों को दो तरफ से परेशानी का सामना करना पड़ेगा। इसलिए डैम का जलस्तर 180 मीटर ही रखे जाने की मांग विस्थापित मुक्ति वाहिनी द्वारा की गई है। साथ ही कहा गया है कि अन्यथा की स्थिति में सभी विस्थापित बाध्य होकर आंदोलन करने पर मजबूर होंगे।
मानक से ऊपर हुआ डैम का जलस्तर :- शुक्रवार को मापे गए चांडिल डैम का जलस्तर मानक 180 मीटर से ऊपर 181.55 मीटर पाया गया। जिसकी चपेट में दर्जनों गांव आ रहे हैं। इसे देखते हुए विस्थापितों के जान माल की सुरक्षा को लेकर चांडिल डैम के गेट खोलने की मांग की जा रही है। जिसमें चांडिल डैम का जलस्तर का मानक 180 मीटर तक रखने की मांग की जा रही है।