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राहुल अग्रवाल के आत्महत्या मामले

में परिजनों ने पुलिस अरोप लगाया

कि दोषियों गिरफ्तार नही कर रही है

। उच्चस्तरीय जांच की मांग कर रही है

परिजन….

 

जमशेदपुर (DEEP) बिष्टूपुर थाना अंतर्गत स्थित डबल डाउन के छत से कूद कर आत्महत्या करने वाले राहुल अग्रवाल की मौत पर आरोपियों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही है। उन्हें बचाने का काम कर रही है। राहुल अग्रवाल के परिजनों का कहना है कि वे लोग घर में ही रह रहे हैं लेकिन गैर जमानतीय वारंट निकलने के बावजूद पुलिस द्वारा छापेमारी कर गिरफ्तारी नहीं की जा रही है।

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पुलिस की जांच पर परिजनों को शक है इसलिए राहुल के परिजनों का कहना है कि हाईकोर्ट मामले की जांच के लिए किसी दूसरी निष्पक्ष एजेंसी को राहुल के मौत की जांच करने दी जाए। इन आरोपों के साथ एक याचिका उच्च न्यायालय में दाखिल की गयी है। जिसपर 28 सितम्बर की तिथि निर्धारित हुआ है।

इसकी जानकारी देते हुए राहुल के भाई अंकित अग्रवाल ने संवाददाता सम्मेलन में बताया कि उन लोगों ने इस मामले के आरोपी प्रदीप चूड़ीवाला और उसके परिवार के सदस्यों की गिरफ्तारी के लिए एसएसपी से मुलाकात की है। एसएसपी ने कहा कि इस केस में गिरफ्तारी की आवश्यकता नहीं है। उन्हें बताया गया कि आरोपी अपने घर में है जिसे भी नजरअंदाज किया गया। बिष्टूपुर थाना प्रभारी को फोन करो तो उठाते नहीं है, और रिसीव करते हैं तो आवाज सुनते ही काट देते हैं। केस के आईओ से मिलने पर वे कहते हैं कि उपर से आर्डर नहीं है। ऐसे में जो इंसाफ एक पीड़ित परिवार को मिलना चाहिए था वह नहीं मिल रहा है। जब पुलिस ही साथ नहीं दे रही है तो पुलिस निष्पक्ष जांच कैसे करेगी, कैसे भरोसा किया जाए। इसलिए मामले की जांच सीबीआई या सीआईडी से करायी जाए इसकी याचिका दायर की गयी है।

अंकित अग्रवाल ने कहा कि जिस तरह से पुलिस ने राहुल पर दर्ज मामले में सक्रियता दिखायी और उसपर कार्रवाई के लिए उसे प्रताड़ित किया उसके विपरीत राहुल की मौत पर दर्ज मामले में कार्रवाई करने और आरोपियों को गिरफ्तार करने से कतरा रही है। राहुल के बच्चे वेद और वेदिका का अधिकार पाने के लिए परिजनों ने परिवार न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश के कोर्ट में याचिका दायर किया है। राहुल के भाई अंकित अग्रवाल का कहना है कि पुलिस अगर चाहे तो अपराधियों को 24 घंटो के भीतर सलखो के पीछे भेज सकती है। संवाददाता सम्मेलन में अंकित अग्रवाल, दीनबंधू अग्रवाल, अधिवक्ता श्रृष्टि देबुका मौजूद थे।

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