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चरणबद्ध आंदोलन के तहत दूसरे दिन भी शिक्षकों ने काला

बिल्ला लगाकर किया शिक्षण कार्य…

सरायकेला Sanjay । बहुप्रतिक्षित चार- सूत्री मांगों के समर्थन में शनिवार को दूसरे दिन भी सरायकेला-खरसावां जिले के शिक्षकों का विभाग के उदासीनता एवं ढूल-मूल नीतियों के विरुद्ध आक्रोश उबाल पर रहा। और अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश स्तरीय आह्वान पर लगातार दूसरे दिन भी काला बिल्ला लगाकर शिक्षण कार्य किए। जिसमें 4 सूत्री मांग बिहार की तर्ज पर “एमएसीपी” की मांग जो सभी कोटि के शिक्षकों के लिए है,मिलनी चाहिए, वेतन आयोग के वेतन विसंगतियों को दूर करते हुए इन्ट्री पे स्केल की मांग, इंटर डिस्ट्रिक्ट ट्रांसफर को सरल व सुगम बनाना, आरटीई के मान्यदंडों के प्रतिकूल एनजीओ के दबाव में गैर शैक्षणिक कार्यों की बहुलता से पूर्णरुपेण निजात शामिल रहे। बताया गया कि उक्त मांगों को लेकर संघीय पदाधिकारियों ने समय समय पर विभाग को ज्ञापन सौंपा है, शिष्टाचार मुलाकात किया है, इसके आलोक में विभागीय मीटिंग भी की गयी है फिर भी सकारात्मक हल नहीं निकला है।

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झारखंड में बिहार के प्रोन्नति नियमावली प्रभावी है, फिर भी बिहार राज्य में पदस्थापित शिक्षकों के अनुरूप एमएसीपी अर्थात सुनिश्चित वृत्ति उन्नयन योजना जो सेवाकाल में अधिकतम तीन अतिरिक्त इन्क्रीमेंट प्रावधानित है, झारखंड के शिक्षकों को नहीं मिला है। छठे वेतन आयोग द्वारा निर्धारित इन्ट्री पे स्केल सचिवालय कर्मियों को दिया गया लेकिन शिक्षकों को परे रखा गया। इससे सरकार के दोहरा चरित्र प्रर्दशित होता है। सौतेलापन व्यवहार से आहत अखिल झारखण्ड प्राथमिक शिक्षक संघ ने आर-पार की लड़ाई का चरणबद्घ आंदोलन की घोषणा की है जिसके अगले चरण के तहत आगामी 7 से12 नवंबर को जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन सौंपा जाएगा। आगामी 19 नवंबर को राजभवन के समक्ष रोषपूर्ण प्रर्दशन किया जाएगा।

आगामी 17 दिसंबर से राजभवन के समक्ष अनिश्चितकालीन अनशन पर सभी शिक्षक बैठेंगे। शनिवार के कार्यक्रम में मुख्य रूप से संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष दीपक दत्त, श्रीसिंह बास्के, मानिक प्रसाद सिंह, मनोज कुमार सिंह, देवेंद्र नाथ साहू, शैलेंद्र कुमार, तरनी साहु, चितरंजन महतो, अमीर राउत, कमल कुमार, सुदामा माझी, सोमेन दास, अजीत कुंभकार, संजय साहू, शैलेश तिवारी, राजेश मिश्रा, अमर उरांव, बलराज हांसदा, अश्विनी मिश्रा, गदाधर महतो, बुद्धेश्वर साहू, संजीव कुमार महतो, हेमंत मार्डी, अरुण प्रसाद बर्मन, दिलीप गुप्ता, हेमंत महतो, रविंद्र कुमार मछुआ, बेदियाजी, पप्पू प्रमाणिक, निखिल कुंभकार, गुरदास चांद, रमन रंजन महतो, गंगासागर मंडल, सुमन साथुवा, लुसी घाटुवारी, सुशमा बनर्जी, रूबी तरन्नुम, शीला झा, इंदु वर्मा, श्रीकांत पारीत, लीना दास, स्निग्धा दत्ता, संजय कुमार श्रीवास्तव, विनोद कुमार, दिनेश दास, लालटु हलदर, सानगी दोंगों, प्रदीप मुंडा, ज्ञानरंजन महतो, राकेश साहु, मनोज गुप्ता, शमीम अंसारी, नाजीर अहमद, अखलाकुल इश्लाम, कुनाराम मांझी, रामजी सिंह सहित संगठन के सैकड़ों सक्रिय शिक्षक एवं शिक्षिका सम्मिलित रहें।

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