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तीन दिवसीय बाल मेला का समापन, जमशेदपुर में पहली बार

हुआ ऐसा मेला, सरयू राय की इस अनूठी सोच को सबने

सराहा…

जमशेदपुर (आलोक पाण्डे) :  सिदगोड़ा सूर्य मंदिर परिसर स्थित बाल उद्यान (चिल्ड्रेन पार्क) में 12 नवंबर से आयोजित तीन दिवसीय बाल मेला का सोमवार 14 नवंबर को बाल दिवस के दिन समापन हो गया. स्वच्छ बचपन-स्वस्थ बचपन की थीम पर आयोजित इस बाल मेला के अंतिम दिन विभिन्न कार्यक्रमों के साथ विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेता बच्चों को पुरस्कृत किया गया. जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय की पहल पर स्वर्णरेखा क्षेत्र विकास ट्रस्ट द्वारा आयोजित यह मेला अपने-आप में अनूठा रहा. मेले के उद्घाटन एवं समापन के अवसर पर आये सभी अतिथियों ने इस बात को विशेष रूप से रेखांकित किया कि सरयू राय इकलौते ऐसे जनप्रतिनिधि हैं, जो परंपरागत राजनीतिक नेताओं की लीक से हटकर पर्यावरण और बच्चों के समग्र विकास जैसे विषयों को राजनीति के केंद्र में लाने के लिए प्रयासरत हैं.

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मेले में तीनों दिन नर्सरी से 10वीं कक्षा तक के बच्चों के लिए विभिन्न प्रकार की खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया. इसके अलावा निबंध प्रतियोगिता, डांसिंग और सिंगिग कांपिटिशन, क्विज, ड्राइंग और फैंसी ड्रेस प्रतियोगिताओं का आयोजन भी किया गया. तीन दिन तक चली इन प्रतियोगिताओं में करीब 4500 बच्चों ने अपनी भागीदारी निभायी. इस दौरान करीब 15000 से अधिक लोगों की उपस्थिति रही. विजेता बच्चों को गणमान्य अतिथियों के हाथों सम्मानित किया गया. इस मेले की सफलता इसी बात से आंकी जा सकती है कि मेला के पहले दिन बच्चों के लिए आयोजित प्रतियोगिताओं में 84 विद्यालयों के 2700 बच्चों ने भाग लिया. इस मेला में करीब 33 स्टॉल भी लगाये गये, जिनमें खाने-पीने से लेकर विभिन्न जनोपयोगी जानकारियां दी गयी। इसके अलावा मेला में माइम शो, जादू का खेल, कठपुतली शो एवं प्रदर्शन, बाल फिल्मों का प्रदर्शन, बच्चों की काउंसिलिंग तथा आर्ट एंड क्राफ्ट शो आदि प्रमुख हैं.

मेला के समापन समारोह के मुख्य अतिथि टाटा स्टील के वीपी (सीएएस) चाणक्य चैधरी ने इस मेला के आयोजन को सरयू राय की अनूठी सोच बताते हुए कहा कि यह बच्चों के सर्वांगीण विकास में सहायक होगा. उन्होंने कहा कि जब उन्हें विधायक सरयू राय की ओर से मेला में आने का आमंत्रण मिला तो उन्होंने अत्यधिक व्यस्तता के बावजूद भी तुरंत ही स्वीकृति दे दी क्योंकि उन्हें खुद भी बच्चों से जुड़ना अच्छा लगता है। उन्होंने कहा बच्चे ऐसे रूप होते हैं जिसमें सच्चाई होती है और बुराई नहीं होती। आज हम जहाँ हैं आने वाले समय में ये बच्चे यहाँ होंगे। टेलीवीजन और टेक्नोलाॅजी के समय में बच्चों का आउटडोर एक्टिविटी कम हुई है। उन्होंने कहा विधायक सरयू राय की ओर से यह बहुत ही सुंदर आयोजन है। सरयू राय द्वारा किए गये इस आयोजन से बच्चों को घर से बाहर निकलकर आउटडोर एक्टिविटी करने की प्रेरणा मिलेगी। जिससे बच्चे मिलनसार बनेंगे और आगे बढ़ेंगे। मेले में आये बच्चों तथा अभिभावकों ने इस मेला को यागदार बताते हुए कहा कि प्रत्येक वर्ष इस मेले का आयोजन होना चाहिए.

विधायक सरयू राय ने समापन के अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि बाल दिवस के अवसर बच्चों के बीच उनके हिम्मत और हूनर को सलाम करता हूँ। बाल मेला में तीनों दिन बहुत ही खुशी के साथ विभिन्न गतिविधियों को देखता रहा। बच्चों के उत्साह एवं उमंग को देखकर हम सभी बहुत आनंदित हुए। आज इस मेले का अखिरी दिन है तो मन में उदासी जैसी भी लग रही है। तीन दिन तक चले माहौल और उमंग तथा उत्साह का आज समापन हो रहा है। बच्चे और उनके अभिभावक इस मेले में आए। श्री राय ने मेला में स्टाॅल के माध्यम से खुबसूरती बढ़ाने आए सबों के प्रति धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि मेला में जिला स्वास्थ्य समिति पूर्वी सिंहभूम के स्टाॅल पर मेले में आए हुए लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। आधार के स्टाॅल पर भी लोगों के आधार संबंधी विभिन्न समस्याओं का निराकरण किया गया।

श्री राय ने कहा कि यह मेला मात्र एक सप्ताह की तैयारियों का ही परिणाम है। अनेक महानुभावों को हम निमंत्रण नहीं दे सके जिनके लिए हम क्षमाप्रार्थी हैं। इस मेले का थीम स्वच्छ बचपन स्वस्थ बचपन था। इसमें सुरक्षित बचपन थीम भी जोड़ना आवश्यक प्रतीत होता है। हमारा देश तभी संस्कारवान होगा जब हमारे देश आर्थिक दृष्टि और मेधा दृष्टि से भी महान होगा। आज के इस आयोजन के बाद से चिल्ड्रेन पार्क में निःशुल्क प्रवेश होगा और जमशेदपुर अक्षेस की ओर से पार्क की देखरेख की जाएगी। बच्चों के लिए पार्क में आॅपेन जिम, इंडोर गेम्स की व्यवस्था हो और इसे कला संस्कृति और खेलकूद के केन्द्र के रूप में विकसित किया जाय, इसके लिए मैंने जिला प्रशासन से अनुरोध किया है। अभिभावकों को बच्चों के बाल मनोविज्ञान के अनुरूप व्यवहार करना चाहिए। मेले के आयोजन की तैयारी में जो भी कमी रह गयी है उसे अगले मेले के आयोजन के पूर्व ठीक कर लिया जाएगा। जो भी बच्चे मेले में आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लिए हैं उन सभी को प्रमाण पत्र दिया जाएगा। श्री राय ने मेले के आयोजन में जिन्होंने भी अपना योगदान दिया उन सबों के प्रति धन्यवाद एवं साधुवाद दिया।

बाल मेला का पहला दिन शनिवार 12 नवंबर उद्घाटन समारोह :

प्रथम दिन बाल मेला का उद्घाटन करते हुए राज्यसभा के उप सभापति और मूर्धन्य पत्रकार श्री हरिवंश नारायण सिंह ने कहा कि सरयू राय हमेशा एक नयी लकीर खींचने के लिए जाने जाते हैं. उन्होंने पर्यावरण के क्षेत्र में कार्य कर जल, जंगल, जमीन की रक्षा करते हुए देश की भविष्य को बेहतर बनाने में अपना योगदान दिया है. यह चिल्ड्रेन पार्क और यहां स्वच्छ बचपन-स्वस्थ बचपन की थीम पर आयोजित हो रहा बाल मेला भी उनकी इसी नयी परिकल्पना का ही परिणाम है. यह मात्र मेला नहीं, बल्कि यह सरयू राय द्वारा बचपन बचाओं अभियान की शुरुआत है, जिससे बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास को एक नयी दिशा मिलेगी, जो बच्चों को बेहतर कल और भविष्य के निर्माण में सहायक होगी.

विधायक सरयू राय ने मेला के बारे में बताते हुए अपने संबोधन में कहा कि पूर्व से ही वे सरकारी विद्यालयों के गरीब और जरूरतमंद बच्चों को ‘वीणापाणि पाठशाला’ के माध्यम निःशुल्क शिक्षा प्रदान करते आ रहे हैं. प्रत्येक तीन महीने में उनमें आये परिवर्तन की समीक्षा होती है. इसी क्रम में अचानक बाल दिवस के अवसर पर बाल मेला के आयोजन का विचार आया. उन्होंने कहा कि पहले उन्होंने सोचा नहीं था कि यह आयोजन इतना भव्य होगा और बच्चे और अभिभावक इतने उत्साह से इसमें भाग लेंगे. उन्होंने कहा कि आज बच्चों के लिए आयोजित प्रतियोगिताओं में 84 विद्यालयों के 2700 बच्चों ने भाग लिया.

प्रतियोगिताएं

बच्चों के बीच फ्राग जंप, जलेबी रेस, बोरा रेस आदि I

दूसरा दिन रविवार 13 नवंबर

मुख्य अतिथि के तौर पर कोल्हान विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो गंगाधर पांडा ने कहा कि विधायक सरयू राय की पहल पर बच्चों के लिए आयोजित यह एक अनोखा कार्यक्रम है. ऐसे आयोजन से बच्चों में बहुमुखी विकास होता है. उन्होंने अभिभावकों से कहा कि स्कूल और घर में शैक्षणिक विकास तो हो सकता है, मगर उनके शारीरिक और मानसिक विकास के लिए आउटडोर एक्टीविटी का होना बहुत जरूरी है.

कार्यक्रम और शो : 

कोलकाता की प्रसिद्ध पपेट कलाकार स्वपना सेन का कठपुतली शो और कठपुतली क्राफ्ट तथा संध्या में जमशेदपुर के जादूगर किंग सुख का जादू का खेल मुख्य आकर्षण रहा. मेले के दूसरे दिन विभिन्न खेल प्रतियोगिताएं, चित्रांकन, निबंध, क्विज प्रतियोगिता तथा बच्चों के बीच गीत-संगीत प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया. कवि सम्मेलन का भी आयोजन किया गया था, जिसमें कवि श्यामलाल सुमन, ज्योत्सना अस्थाना, दीपक वर्मा, संध्या सिन्हा रवींद्र जी एवं चवला जी ने अपनी प्रस्तुति दी. शिव पूजन सिंह के निर्देशन में बनी बाल फिल्म ‘आत्महत्या’ का प्रदर्शन किया गया.

प्रतियोगिताएं और पुरस्कार

चित्रांकन प्रतियोगिता – ग्रुप ‘ए’, ‘बी’ तथा ‘सी’ में प्रथम स्थान पानेवाले बच्चों देव किशोर, एंजल जायसवाल, स्नेहा भारती, द्वितीय स्थान पानेवाले अर्दिजा सिंह, नैतिक हेम्ब्रम, उमंग किशोर तथा तृतीय स्थान पानेवाले नाव्या सिंह, लावण्या मिश्रा तथा कल्पना मुर्मू को पुरस्कृत किया गया.
गीत-संगीत कार्यक्रम – ग्रुप ‘ए’, ‘बी’ तथा ‘सी’ में प्रथम स्थान पानेवाले धृति त्रिवेदी, समृद्धि साह, श्रृष्टि कुमारी, द्वितीय स्थान पानेवाली अश्मिका, तान्या कुमारी, पिहु दास एवं तृतीय स्थान पर रहनेवाले नाव्या सिन्हा, टी कुमार और सुमन हांसदा को पुरस्कार दिये गये.
ग्रुप डांस – प्रथम स्थान जस्मिन ग्रुप तथा द्वितीय स्थान अनिता रवि दास ग्रुप ने हासिल किया.

गायत्री परिवार द्वारा 1100 दीप प्रज्ज्वलन

बच्चों को आध्यात्म से जोड़ने तथा जीवन में आध्यात्म की भूमिका का संदेश देने के लिए संध्या में गायत्री परिवार की ओर से मंत्रोच्चरण के साथ 1100 दीपों का प्रज्ज्वलन किया गया.

तीसरा दिन सोमवार 14 नवंबर मेले का समापन ;

समापन समारोह में टाटा स्टील के वीपी सीएस चाणक्य चैधरी, लेखक पत्रकार दिनेश्वर प्रसाद सिंह दिनेश, साहित्यकार अरविंद विद्रोही, जमशेदपुर अक्षेस के विशेष पदाधिकारी संजय कुमार, समाजसेवी अमरप्रीत सिंह काले, जिला परिषद सदस्य कविता परमार, राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षिका अनिता शर्मा, वरिष्ठ अधिवक्ता मुरलीधर केडिया, भारतीय जनतंत्र मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष धर्मेंद्र तिवारी, उपाध्यक्ष राम नारायण शर्मा, शंभु नाथ सिंह, मंटु सिंह, महासचिव संजीव आचार्य, स्वर्णरेखा क्षेत्र विकास ट्रस्ट के ट्रस्टी अशोक गोयल, जिला अध्यक्ष सुबोध श्रीवास्तव, महिला मोर्चा अध्यक्ष मंजु सिंह, कुलविंदर सिंह पन्नु, अजय सिन्हा समेत अनेक गणमान्य अतिथि शामिल हुए. गणमान्य अतिथियों ने भी अपने विचार रखे तथा उनके हाथों विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेता बच्चों को पुरस्कृत किया गया.
मेले के अंतिम दिन बच्चों के लिए योग, सांस्कृतिक कार्यक्रम, विशेषज्ञों द्वारा मोटिवेशनल स्पीच एंड करियर काउंसलिंग कार्यक्रम तथा अभिभावक समावेशन कार्यक्रम आयोजित किया गया.

मेला के अन्य आकर्षण हैंड वॉश और स्वच्छता के प्रति जागरूकता होप इनिशिएटिव संस्था के स्टॉल पर बच्चों को सेवेन स्टेप हैंडवॉशिंग सिखायी गयी. स्टॉल पर स्वच्छता के विषय में जागरूक करने के संबंध में कई जानकारी दी रही थी. कटआउट के माध्यम से बच्चे सात चरणों में हाथ को साफ करने के तरीकों को जानकार रोमांचित हुए.

फ्री हेल्थ चेकअप रोटरी और इनरव्हील क्लब के द्वारा हेल्थ चेकअप (डेंटल, आई एण्ड जेनरल) स्वास्थ्य का स्टॉल में बच्चों एवं लोगों ने निःशुल्क स्वास्थ्य जांच करायी. इस स्टॉल में निःशुल्क स्वास्थ्य परामर्श भी दी जा रही थी. ऑन स्पॉट आधार एनरोलमेंट i

मेला में नया आधार बनाने तथा आधार में सुधार के लिए शिविर लगाया गया था, जहां बड़ी संख्या में लोगों ने इसका लाभ उठाया.
मेला में लगाये गये स्टॉल :

1. जिला स्वास्थ्य समिति
2. आधार सेवा केंद्र
3. बैंक आपके द्वार
4. होप इनिशिएटिव
5. प्रथम एजुकेशन फाउंडेशन
6. राज बैग
7. गायत्री परिवार ट्रस्ट
8. प्रभात प्रकाशन
9. इलियास चूड़ी
10. जमशेदपुर अक्षेस
11. जमशेदपुर अक्षेस स्वयं सहायता समूह
12. जमशेदपुर वन प्रमंडल
13. जेएनएसी दृ सुदीक्षा
14. सूचना एवं जनसंपर्क विभाग
15. विनय आइएएस
16. सनातन संस्था
17. बीए कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग
18. एलआईसी
19. आदर्श सेवा संस्थान
20. श्रीमन क्लासेस
21. अखिल भारतीय पूर्व सैनिक परिषद
22. रामा जेनरल स्टोर
23. खान-पान के कई स्टॉल

मेला को सफल बनाने में मनोज सिंह उज्जैन, कुलविंदर सिंह पन्नु, सुधीर सिंह, हरेराम सिंह, अमित शर्मा, एम चन्द्रशेखर राव, इंद्रजीत सिंह, वंदना नामता, विकास गुप्ता, धर्मेन्द्र प्रसाद, पी विजय कुमार, मिस्टु सोना, अशोक कुमार, रंजीता राय, काकुली मुखर्जी, विजय नारायण सिंह, शंकर कर्मकार, जय प्रकाश सिंह, कैलाश झा, चार्ली लाजरस, विनोद यादव, वरूण सिंह, चुन्नु भूमिज, पुतुल सिंह, आरती मुखी, शारदा, अनिल प्रकाश, पप्पु सिंह सूर्यवंशी, राघवेन्द्र प्रताप सिंह, पिंकी विश्वास, आसीम पाठक, डी मनी, विजया लक्ष्मी, विजय सिंह, राकेश मंडल, लखी सरकार, महुआ चक्रवर्ती, कन्हैया, किरण देवी, रंजीत सिंह, ज्योति, गीता कुंडू, रेखा सिंह, पूनम राणा, संजय झा, प्रेम करण पाण्डेय, इन्दु देवी, मनोरमा, शिवानी, पूनम, रीना,डी स्वाती, कंचन मंडल, तारा, विजय लक्ष्मी, जमुना, रेखा आदि की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

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