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सरायकेला-खरसावां (संजय मिश्रा) कोरोना संकटकाल में सर्वाधिक चुनौतियों का सामना कर रहे कलाकार वर्ग गंभीर आर्थिक, पारिवारिक एवं मानसिक संकटों से जूझ रहे हैं। ऐसे में दिल्ली की कला एवं साहित्य की अखिल भारतीय संस्था संस्कार भारती द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर ऐसे कलाकारों की मदद करने के लिए कलाकारों के सहायतार्थ सार्थक पहल “पीर पराई जाणे रे…” अभियान का शुभारंभ किया गया है। जिसमें देशभर के सभी दिग्गज कलाकारों द्वारा ऐसे कलाकारों की मदद करने के लिए जो आजीविका चलाने के लिए चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, समाज से अपील की गई है। इस संबंध में संस्कार भारती के अध्यक्ष हंस राज हंस एवं कार्यक्रम संयोजिका मालिनी अवस्थी द्वारा राजकीय छऊ नृत्य कला केंद्र के निदेशक गुरु तपन कुमार पटनायक को पत्र लिखा गया है।

राजकीय छऊ नृत्य कला केंद्र के निदेशक गुरु तपन कुमार पटनायक को पत्र लिखा गया है। जिसमें कहा गया है कि देशभर के सभी विख्यात और प्रसिद्ध कलाकार अपनी प्रस्तुति एवं संदेश के द्वारा समाज से एक संगीत समारोह वर्चुअल कन्सर्ट के माध्यम से अपील करेंगे। जिसमें कम से कम 3 मिनट और अधिकतम 5 मिनट की एचडी क्वालिटी कैमरा से बनाई गई वीडियो पर विख्यात एवं प्रसिद्ध कलाकारों द्वारा अपनी प्रस्तुति के साथ संदेश दिया जा रहा है। इसे लेकर गुरु तपन कुमार पटनायक द्वारा भी संस्कार भारती के उक्त अभियान के माध्यम से समाज से ऐसे कलाकारों के लिए सहयोग की अपील की गई है।


कलाकारों का दर्द:- अल्प अंतराल के बाद लगातार चले कोरोना के दोनों लहर में सर्वाधिक कलाकार प्रभावित हुए बताए जा रहे हैं। जिन्हें तकरीबन डेढ़ वर्षों से ना तो मंच मिला है और ना ही दर्शक। ऐसी स्थिति में सिर्फ कला पर ही अपना जीवन और आजीविका चलाने वाले कलाकार गंभीर आर्थिक चुनौती का सामना कर रहे हैं। जिसमें बताया जा रहा है कि कई कलाकारों ने परिस्थिति से परेशान होकर अपने और अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए अन्य रोजगारों की ओर रुख कर रहे हैं। वही पूरे मसले पर जानकार बताते हैं कि यदि ऐसे विषम परिस्थिति में कलाकारों को सहयोग और हौसला नहीं मिला तो देश सहित पूरी दुनिया कला विहीन हो चलेगी। जिससे चारों ओर नीरसता छा जाने की संभावना भी प्रबल है।

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