संयुक्त ग्राम सभा मंच वन विभाग से चंपा व रजनी को जंजीरों से आजाद करने की
मांग की ।
कई सवालों के साथ आखिर कौन खा रहा है दलमा की
चम्पा और रजनी का खाना : दलमा टाईगर
रांची ब्यूरो (सुदेश कुमार): संयुक्त ग्राम सभा मंच के तत्वावधान में दलमा इको सेंसेटिव जोन के मुख्य द्वार पर चंपा व रजनी (हाथनी) के भोजन, स्वास्थ्य व जंजीर से आजादी को लेकर गांव-गांव में जनसंपर्क अभियान चलाया । दलमा पहाड़ के तराई क्षेत्र शहर बेड़ा गांव के परम्परागत ग्राम प्रधान मान सिंह मार्डी के नेतृत्व में ग्रामीणों से चंपा व रजनी के सवालों को लेकर संवाद किया गया।
वही मान सिंह मार्डी ने कहा कि वन विभाग के डीएफओ व रेंजर के मिलिभगत से इको सेंसेटिव जोन के नाम पर वन प्राणी अश्राणियों अभ्यारण्य के नाम पर जो पैसा आ रहा उसमें लूट-खसोट मचा हुआ है। जिसका परिणाम है कि चंपा व रजनी का स्थिति दिनों -दिन खराब होती जा रही है। चंपा व रजनी को देखने से ये पता चलता है कि अब वन विभाग के पदाधिकारी इनके हिस्से का भोजन तक को भी खा रहे है।
वही मंच के सचिव सुकलाल पहाड़िया उर्फ दलमा टाईगर ने बताय की दलमा पहाड़ में रहने वाले आदिवासी -मूलवासी के ऊपर इको सेंसेटिव जोन घोषित होने के बाद हमारे हक अधिकार व हमारी संस्कृतियों पर हमला किया गया। जिसका गवाही मैं हूं! यहां तक हम आदिवासी -मूलवासी जब उस समय अपने हक अधिकार को बचाने के लिए आवाज उठया तो हम आदिम जनजातियों को सलाखों के पीछे साजिश के तहत बंद कर दिया जाता है । वही सुकलाल ने बताया कि हमारे आदिवासी -मूलवासियों पर ही हमला नहीं बल्की हमारे बीच रहने वाले वन प्राणियों पर भी हमला किया गजा रहा है।
आज दलमा इको सेंसेटिव जोन के नाम पर जो फंड आता है उसका कोई भी फायदा यहां रहने वाले आदिवासी -मूलवासियों को नहीं मिल पा रहा है बल्कि उस फंड का बंदरबांट हो रहा है। वन विभाग के पदाधिकारियों से चंपा व रजनी के हिस्से का भोजन कौन खा रहा है ? इनके स्वास्थ्य के लिए जिम्मेवार कौन है? आज भी बड़ा सवाल बना हुआ है । इस देश के अंदर वन प्राणीयों के लिए जो कानून बना है वो सिर्फ संविधान के किताबों के पन्नों में ही सिमट कर रह गया है।
वही संयुक्त ग्राम सभा मंच वन विभाग से मांग करता है कि चंपा व रजनी को जंजीरों से आजाद करो! चंपा व रजनी के हिस्से का भोजन कौन खा रहा है व उनके स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए कौन जिम्मेदार है उस पर उच्चस्तरीय जांच करते हुए कठोर से कठोर कार्रवाई की मांग की ।
चंपा दो माह से बीमार थी….
संयुक्त ग्राम सभा मंच केे सदस्यों द्वारा वन विभाग पर देखभाल नही किये जाने का आरोप गया । इस संर्दभ में वनांचल 24 टीवी लाईव दलमा वन प्राणी पश्चिमी प्रक्षेत्र,चाण्डिल के रेंजर दिनेश चन्द्रा ने बताया की रजनी चाण्डिल के कुआं में गिरने से घायल अवस्था में 2009 में टाटा जू लाया गया था इलाजोंपरांत दलमा लाया गया था । जिसका उम्र आज 13 वर्ष की हो गई है । वही चंपा को धनबाद से जब्त कर दलमा लाया गया जिसका उम्र 48 वर्ष बताया जा है । चम्पा पीछले 2 माह से बीमार चल रही थी जिस कारण स्वास्थ्य में अंतर देखा जा रहा है । तत्काल चल फिर रही है ।