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क्षेत्रीय भाषा से छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं करेंगे: कुणाल दास…

सरायकेला। सूबे की प्रस्तावित नियोजन नीति में क्षेत्रीय भाषा की बाध्यता को समाप्त करने के सरकार के बयान का पारा शिक्षक/गैर पारा जेटेट सफल अभ्यर्थी संघ ने विरोध किया है। शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान संघ के प्रदेश अध्यक्ष कुणाल दास ने इस विषय पर कहा कि झारखण्ड की क्षेत्रीय भाषाओं को नियोजन नीति से बाहर करना मूल झारखण्डी भावना पर सीधा हमला है। देश के हर राज्य में अपने क्षेत्रीय भाषा की विशिष्ट महत्ता है। यह झारखण्ड का दुर्भाग्य है कि षड्यंत्र के तहत यहां नीति निर्धारण का जिम्मा बाहरी अफसरों पर है। यही वजह है कि झारखण्ड में रहकर भी अफसर इस तरह के बयान देने की हिमाकत करते हैं। मूल झारखण्डी भावना का ध्वजवाहक मानी जाने वाली हेमंत सरकार को चाहिए कि ऐसे अफसरों पर लगाम लगाएं। साथ ही विपक्ष भी यहां की भाषा को चुनौती देने वाले लोगों के विरुद्ध मुहिम चलाएं। श्री दास ने आगे कहा कि बतौर एक झारखण्डी युवा हम ऐसे फैसले का कड़ा विरोध करते हैं। क्षेत्रीय भाषा हमारी संस्कृति और भावनाओं से जुड़ी हुई है, इस पर हमला हमारे अस्तित्व पर हमला है। हम ये कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे। अगर नियोजन नीति में भाषा से छेड़छाड़ की जाती है तो संघ राज्यव्यापी उग्र आंदोलन करेगा।

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