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इस वर्ष 11 फीट ऊंची प्रतिमा के साथ विराजेंगी मां गंगा; मां सरस्वती और मां लक्ष्मी के

साथ होगी नारी शक्ति की आराधना…

विश्व भर में एक मात्र इस गांव में होती है मां गंगा की साकार आराधना।

सरायकेला। गंगा नदी को माता मानकर उनकी आराधना के सैकड़ों परंपराएं रही हैं। परंतु साकार रूप में मां गंगा की वार्षिक पूजा का एक अनुपम और एकमात्र स्थान विश्व भर में बड़ा कांकड़ा गांव रहा है। जहां प्राचीन काल से मकर संक्रांति के शुभ अवसर के साथ मां गंगा की साकार आराधना की जाती रही है। पूर्णत: क्षेत्र के लिए अच्छी वार्षिक कृषि और पर्याप्त वर्षा के लिए की जाने वाली उक्त विशिष्ट पूजन परंपरा मूलतः कृषि संस्कृति से जुड़ी हुई है। जिसे लेकर इस वर्ष भी मकर संक्रांति के साथ बड़ा काकड़ा गांव में परंपरागत मां गंगा पूजन उत्सव का शनिवार को शुभारंभ किया जाएगा। जिसे लेकर शिल्पकार भूतेश्वर जेना मां गंगा की 11 फीट ऊंची प्रतिमा को अंतिम रूप देने में लगे हुए हैं। बताया गया कि आगामी 20 जनवरी को कलश विसर्जन एवं शोभायात्रा के साथ साप्ताहिक मां गंगा पूजन उत्सव का समापन किया जाएगा।

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गांव में ही दो स्थानों पर पूजी जाती हैं मां गंगा:-
ग्राम क्षेत्र में प्राचीन आयोजक समिति नवयुवक आदिवासी कल्याण समिति बड़ा कांकड़ा के तत्वाधान मां गंगा के पूजन उत्सव का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें पुजारी पंडित नंदलाल मिश्रा द्वारा पूजा कराई जाएगी। समिति के श्यामाचरण तियु, विष्णु तियु, अनिल महतो, बिपिन बिहारी महतो, लक्ष्मी नारायण महतो, नारायण महतो, चित्रसेन महतो, पंचानन महतो, जयदेव महतो, कृष्णा चंद्र महतो, धनंजय तियु सहित समिति के अन्य सदस्य शामिल हैं।
इसी प्रकार ग्राम क्षेत्र में एक अन्य मां गंगा पूजन उत्सव राधा कृष्ण गंगा क्लब के तत्वाधान आयोजित आयोजन में पुजारी पंडित लखन मिश्रा द्वारा मंत्रोच्चार के बीच तीन दिवसीय मां गंगा पूजन संपन्न कराया जाएगा।

इस वर्ष नारी सशक्तिकरण की होगी आराधना:-
मां गंगा पूजन उत्सव के दौरान नवयुवक आदिवासी कल्याण समिति के तत्वाधान धार्मिक प्रसंगों पर आयोजित किए जाने वाले देव सभा के स्थान पर इस वर्ष माता लक्ष्मी और मां सरस्वती सहित अन्य देवियों की प्रतिमाएं स्थापित कर नारी सशक्तिकरण की आराधना की जाएगी। इसके साथ ही आयोजित कमेटी द्वारा 15 एवं 16 जनवरी को क्रिकेट प्रतियोगिता, 17 जनवरी को फुटबॉल प्रतियोगिता एवं 19 जनवरी को ताड़का दहन का आयोजन किया जाएगा। 20 जनवरी को कलश विसर्जन के साथ भव्य शोभायात्रा निकालकर मां गंगा को अश्रुपूर्ण विदाई दी जाएगी।

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