रीवर साइड ऑफिसर्स क्लब में संथाल समाज दिशोम मांझी परगना का पांचवां केन्द्रीय महाधिवेशन संपन्न, केन्द्रीय समिति की हुई घोषणा…
पांचवी बार दिशोम मांझी हडाम के केन्द्रीय अध्यक्ष बने फागू बेसरा…
रामगढ़ ब्यूरो ( इन्द्रजीत कुमार)
रीवर साइड भुरकुंडा स्थित ऑफिसर्स क्लब में चल रहे दो दिवसीय संथाल समाज दिशोम मांझी परगना का पांचवां केन्द्रीय महाधिवेशन का बुधवार को समापन हुआ। मौके पर ढोल-नगाड़ो के बीच मुख्य अतिथि दिशोम मांझी हड़ाम सह दर्जा प्राप्त मंत्री फागु बेसरा का स्वागत करते हुए मंच तक लाया गया। जहां पारंपारिक वेश-भूषा में संथाल समाज के महिला और पुरुषों ने नृत्य-गीत के माध्यम से उनका अभिनंदन किया गया। संचालन समिति द्वारा पुनर्गठित केंद्रीय कमेटी के मंचासीन पदाधिकारियों को माला पहनाकर और बुके देकर सम्मानित किया गया।
केंद्रीय कमेटी द्वारा 51 किलो का माला पहनाकर फागु बेसरा का भव्य स्वागत किया गया। लोक कला पर कलाकारों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया। प्रस्ताव एतो बास्के ने पढ़ा। संथाल समाज दिशोम मांझी परगना केंद्रीय समिति की घोषणा आरडी हंसदा ने किया गया। इसमें सर्वसम्मति से मंत्री का दर्जा प्राप्त फागू बेसरा को लगातार पांचवी बार दिशोम मांझी हडाम के केन्द्रीय अध्यक्ष चुना गया।
मुख्य अतिथि ने समाज के उत्थान, शिक्षा, एकजुटता पर बल देते हुए जल, जंगल, जमीन की रक्षा व झारखंड की सभ्यता व संस्कृति को बचाए रखने का आहवान किया। मंच संचालन रतिलाल मरांडी ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में सोनाराम मांझी, सन्नी सोरेन, शंकर मुर्मू, लाल बिहारी हेम्ब्रोम, सन्नी बेसरा, भुनेश्वर मुर्मू, सुनिल मुर्मू, धनीराम टुडू, रंजीत मांझी, शिवलाल मुर्मू, महेश हेम्ब्रोम, राजू बेसरा, रामकुमार मांझी, महावीर मुर्मू, बिनोद हेम्ब्रोम, अजय बेसरा, पप्पु लाल मांझी, रविन्द्र सोरेन, बिरसा टुडू, लाल बहादुर मांझी, मनोज हेम्ब्रोम, रामेश मांझी, अनिल मांझी आदि का विशेष योगदान रहा।
संथाल समाज दिशोम मांझी परगना केंद्रीय समिति में ये हैं शामिल
केंद्रीय समिति में मंत्री का दर्जा प्राप्त फागू बेसरा को लगातार पांचवी बार दिशोम मांझी हडाम के केन्द्रीय अध्यक्ष चुना गया। वहीं दिशोम मांझी परगना के केन्द्रीय महासचिव सोनाराम मांझी, दिशोम जोगवा केन्द्रीय कोषाध्यक्ष एतवा बास्के, सोहोत् मांझी हडाम केन्द्रीय उपाध्यक्ष आरडी हांसदा, सोहराय किस्कू, रामेश हेम्ब्रोम, रूपन मुर्मू, विसराम मांझी, कान्दो मरांडी, गहन बेसरा, रामचन्द्र हांसदा, जयवीर हांसदा, सूरजमुनी कुमारी सोरेन, बालकृष्ण टुडू,
सोहोत् परगना सचिव पन्नालाल मुर्मू, नरेश सोरेन, सन्नी बेसरा, मुर्शिगलाल हांसदा, छोटू हांसदा, मोहन सोरेन, संजय टुडू, सन्नी सोरेन, बिरेन्द्र हांसदा, रतिलाल मरांडी, पतिलाल मरांडी, राजेश हांसदा, लखीराम मांझी, महेन्द्र मुर्मू, लालजी किस्कू, अजय बेसरा, राजाराम बेसरा, राजाराम मुर्मू, सोनाराम टुडू, रोयाल हांसदा, महादेव मुर्मू, रंजीत बेसरा, दासो मरांडी, महालाल हांसदा, सीताराम किस्कू, दुर्गा हांसदा, बहादूर हांसदा, अघनुराम किस्कू, चन्द्रदेव हेम्ब्रोम, श्यामदेव सोरेन, लुदू मांझी, जीतलाल टुडू, ललीत टुडू,
बाबुराम मांझी, दीपा देवी, रामकिशोर मुर्मू, सवन हांसदा, लालबिहारी हेम्ब्रोम, लीलावती हांसदा, मालो देवी, शिवजी बेसरा, शिबलाल किस्कू, धनीराम किस्कू, मनोहर मुर्मू, दिलीप हेम्ब्रोम, सोहोत् जोवा उपकोषाध्यक्ष दिनेश हांसदा, प्रदीप सोरेन, भुनेश्वर मुर्मू, जतरू बेसरा, पतिलाल हांसदा, बिनोद बेसरा, गुरूदयाल हांसदा, दिनेश बेसरा, लखीराम हेम्ब्रोम, सीताराम मुर्मू को चुना गया।
महाधिवेशन में 22 एतवा बास्के ने प्रस्ताव पारित किया गया…
इसमें केन्द्रीय समिति में कुल 301 सदस्य रखने, सरना धर्म कोड को लागू करने, संथाली भाषा को झारखंड राज्य का राज्य भाषा घोषित करने, ओलचीकि लिपि से संथाली भाषा की पढ़ाई प्राथमिक विद्यालय से उच्चतम महाविधालय में शुरू करने, संथाली भाषा ओलचीकि लिपि से पढ़ाई हेतू शिक्षकों की नियुक्ति, ग्राम प्रधान, मांझी हडाम, पराणिक, नयके हडाम, जोगवा हडाम, कुडम नयके हडाम को अधिसूचित क्षेत्र के भांति मानदेय देने, संथाल समाज का रूढ़िवादी व्यवस्था (कस्टमरी लाॅ) को सम्पूर्ण झारखंड में लागू करने, पेशा कानून को लागू करने, वन अधिकार अधिनियम 2006 के तहत संथाल आदिवासियों को वन पट्टा देने,
गैर आदिवासी लडकों के द्वारा बहला-फुसलाकर आदिवासी लड़कियों के साथ शादी कर भूमि, नौकरी, एवं अन्य आरक्षण राजनीति पद पर लाभ पर अविलम्ब रोक लगाने और उससे उत्पन्न संतान को आदिवासी का दर्जा नहीं देने, जाहेरथान सरन स्थल चाहरदिवारी (घेराबन्दी) सरकारी योजना से करने, मरनी-हरनी में कफन के बदले पैसा से ही पीड़िता को मदद करने सहित 22 प्रस्ताव शामिल हैं।