वंदे मातरम और भारत माता की जयकारे से गूंजा झरिया…
भारत माता की झांकी,डीजे और तोरणद्वार रहे आकर्षण का केंद्र…
धनबाद:सुदेश कुमार
धनबाद:आज 77वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर धनबाद के कतरास मोड़ से झरिया चिल्ड्रेन पार्क तक निकली शोभायात्रा में धार्मिक,सामाजिक,राजनीतिक और मीडिया हाउस से जुड़े 1000 से भी ज्यादा की संख्या में जुटकर लोगों ने इतिहास रच डाला।झरिया की गलियों में वंदे मातरम और भारत माता की जयकारे से शोभायात्रा में शामिल विभिन्न संगठनों से आए युवाओं क्या आम और क्या खास सभी का उत्साह देखते ही बन रहा था।100 मीटर लंबाई वाले तिरंगे के पीछे-पीछे भारत माता की झांकी और डीजे साउण्ड पर देशभक्ति गीत आकर्षण का केंद्र बने हुए थे।
जी हां देश में पहली बार पत्रकार संगठनों द्वारा प्रायोजित इस शोभायात्रा में शामिल होने के लिए दर्जनों संस्थाओं के सैकड़ों लोगों ने अपनी कृतज्ञता प्रकट की।धनबाद से भारत के सभी पत्रकारों को एकजुटता के संदेश के साथ अपने अधिकार और कर्तव्य के प्रति जागरूकता का संदेश लिए इस शोभायात्रा को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई है। AISMJWA के प्रदेश अध्यक्ष और प्रेस क्लब झरिया के सचिव शैलेंद्र जायसवाल बंटी और न्यूज भारत 24 के सीईओ समाजसेवी रमेश पांडेय ने इस शोभायात्रा की जानकारी देते हुए श्री जायसवाल ने बताया कि देश में ऐसा पहली बार हुआ है ।जब दो पत्रकार संगठन और एक मीडिया हाउस द्वारा ऐसा भव्य और ऐतिहासिक आयोजन देखने को मिला है जिसमें 100 मीटर लंबाई और 3 मीटर चौड़ाई वाले तिरंगे को शोभायात्रा के साथ 1000 देशभक्त लेकर डेढ़ घंटे तक पैदल चले हैं।उन्होने बताया कि 3 किमी लंबी इस आकर्षक शोभायात्रा के दौरान जगह-जगह विभिन्न संगठनों द्वारा पानी और शरबत के साथ आए हुए लोगों का स्वागत भी किया गया।
शोभायात्रा में शामिल भारत न्यूज 24 के सीईओ समाजसेवी रमेश पांडेय ने बताया कि आज पहली बार मैं इतने लंबे तिरंगे के साथ आजादी को समर्पित शोभायात्रा में शामिल हुआ हूं।वे बोले झारखंड में यह यात्रा ऐतिहासिक और यादगार रहेगी।वे बोले 14 अगस्त को ही झरिया में माईक सिस्टम से विभिन्न क्षेत्रों में प्रचार वाहन भी घूमने के कारण भारी संख्या में लोग जुटे हैं।वे बोले कार्यक्रम में कई संगठनों के प्रतिनिधिमंडल के अलावा राजनीतिक दलों के जिला अध्यक्ष,महासचिव,सचिव और स्कूल-कालेज के छात्र भी शामिल हुए हैं मैं सभी का आभार व्यक्त करता हूं।
कार्यक्रम के आयोजन में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए ऐसोसिएशन के राष्ट्रीय महासचिव प्रीतम सिंह भाटिया ने प्रदेश अध्यक्ष शैलेंद्र जायसवाल बंटी और रमेश पांडेय को बधाई दी।
श्री भाटिया ने कहा कि प्रेस क्लब झरिया,न्यूज भारत 24 और AISMJWA के सदस्यों ने इस शोभायात्रा को सफल बनाने में दिन-रात मेहनत की है।वे बोले उम्मीद है कि बहुत जल्द अन्य जिलों में भी हमारे सहयोगी AISMJWA के बैनर तले देश के प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट करने के लिए कुछ न कुछ आयोजन करते नजर आएंगे।ऐसोसिएशन के झारखंड प्रभारी गणेश मिश्रा ने कहा कि मेरे जीवन के लंबे कालखंड में मैंने अब तक ऐसी शोभायात्रा नहीं देखी जिसमें आयोजक पत्रकारों का एक बड़ा वर्ग हो.वे बोले मैं विशेष रूप से शोभायात्रा में शामिल हुए पत्रकारों,बच्चों,बुजुर्गों,महिलाओं और युवाओं को धन्यवाद देता हूं जिन्होंने हमारा साथ देकर इस शोभायात्रा को सफल बनाया।
AISMJWA के प्रदेश महासचिव प्रविंद पांडेय ने कहा कि इस तरह का आयोजन देश में पहली बार किसी पत्रकार संगठन द्वारा देखने को मिला है और यह एक सफल कार्यक्रम साबित हुआ है.श्री पांडेय ने कहा कि बहुत जल्द दूसरे जिलों से भी देशभक्ति पर आधारित कार्यक्रम का आयोजन करेंगे।कार्यक्रम में ऐसोसिएशन के प्रदेश उपाध्यक्ष नागेंद्र शर्मा ने कहा कि भारी संख्या में जुटे लोगों की संख्या ही बता रही है कि लोग अपने देश से कितना प्यार करते हैं।वे बोले 100 मीटर लंबाई और 3 मीटर चौड़ाई वाले तिरंगे को पकड़ कर लगातार 2 घंटे तक धीरे-धीरे पदयात्रा करना लोगों में देशभक्ति की ऊर्जा को दर्शाता है।शोभायात्रा का समापन झरिया के चिल्ड्रेन पार्क में महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण और राष्ट्रगान के साथ हुआ।
मौके पर धनबाद के पूर्व मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल,भाजपा नेत्री रागिनी सिंह, AISMJWA ऐसोसिएशन के प्रदेश सलाहकार समाजसेवी अरूण सिंह,वरिष्ठ पत्रकार हरेंद्र सिंह,प्रदेश कार्यकारी सदस्य जयप्रकाश वर्मा,प्रमंडलीय प्रभारी राजेश सिंह,रांची प्रमंडलीय अध्यक्ष दिनेश बनर्जी और धनबाद शहरी जिला अध्यक्ष योगेश सोनी ने भी अपने विचार रखते हुए तिरंगा शोभायात्रा को यादगार पल बताया।
शोभायात्रा में सुनील साहू,संतोष साहू,धनंजय कुमार,विनोद सिंह,शैलेंद्र सिंह,कमलेश सिंह,कलीम खान,राकेश गुप्ता,अरूण साहू,शैलेश सिंह,मिंकी अग्रवाल,राकेश कुमार,अमित साहू,सूरज वर्मा,शैलेश सिंह,विनीत बरणवाल,अशोक यादव,करण प्रसाद,संजय गुप्ता,पार्थों प्रमाणिक,सतनारायण भोजगढिया समेत अन्य सैकड़ों लोग शामिल थे।