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सरायकेला – परंपरागत चैत्र पर्व उत्सव के तहत पहले मंगलवार को पवित्र मंगला घट का आगमन हुआ। इसके तहत परंपरा अनुसार दलित समुदाय की भक्तिन महिलाओं ने निर्जला उपवास व्रत रखते हुए मंगलवार की शाम खरकाई नदी के तट पर पहुंची। जहां पवित्रता से स्नान ध्यान करते हुए कलशो में पवित्र जल लेकर मंगला घट के साथ पदयात्रा शुरू किए। इस दौरान पारंपरिक गाजे-बाजे के बीच सिर पर मंगला घट धारण किए हुए भक्तिन महिलाओं द्वारा झूमते झूमते मंगला घट को मंगला स्थान तक लाया गया। जहां पुजारी द्वारा मंत्रोच्चार के बीच मंगला घट स्थापित की गई। इस अवसर पर मां मंगला का आह्वान करते हुए विधि विधान के साथ उनका पूजा अर्चना किया गया। साथ ही विश्व के सुख शांति एवं समृद्धि के लिए मां मंगला से मंगल प्रार्थना की गई। मान्यता रही है कि मंगला घट के आगमन के पश्चात ही चैत्र पर्व के शुभ मंगल का आगाज होता है। जिसे सिर्फ दलित समुदाय की ही महिलाएं लाती हैं। और इस दौरान भक्तिन महिलाओं का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए दर्जनों की संख्या में भक्त मंगला घट यात्रा में शामिल होते हैं। जिसे बेहद ही शुभ माना जाता है। मां मंगला की पूजा के उपरांत ही भक्तिन महिलाएं जल ग्रहण कर अपना उपवास व्रत खोलती हैं। सरायकेला एवं सीनी सहित आसपास के क्षेत्रों में भी भक्ति भाव के साथ मंगला ओसा के अवसर पर मंगला घाट लाया गया। और मां मंगला की पूजा अर्चना की गई।

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