420 मिलियन से अधिक लोग इसे अपनी मातृभाषा के रूप में बोलते हैं। आइए हम आप भी दिल से दें अपनी मातृभाषा को सम्मान और सभी को दें शुभकामनाएं…
सुदेश कुमार (संपादक,वनांचल24टीवी लाईव)
हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। 14 सितंबर 1949 को, संविधान सभा ने देवनागरी लिपि में लिखी गई हिंदी को भारत की आधिकारिक भाषा के रूप में स्वीकार कर लिया। मुख्य उद्देश्य इस दिन को मनाना और भाषा के मूल्य पर जोर देना था। दुनिया भर में लगभग 120 मिलियन लोग दूसरी भाषा के रूप में हिंदी बोलते हैं, और 420 मिलियन से अधिक लोग इसे अपनी मातृभाषा के रूप में बोलते हैं। आइए हम आप भी दिल से दें अपनी मातृभाषा को सम्मान और सभी को दें शुभकामनाएं।
हिन्दी दिवस
सर्वत्र चर्चा आज हे,
अपनी हिन्दी भाषा महान की।
स्वतंत्रता पश्चात जिसे माना,
भाषा संविधान की।।
१४ सितम्बर १९४९ को,
विभिन्न रियासती भाषाओं में चुनकर।
हिन्दी का मान बढ़ाया था,
दिया मूर्त रूप गांधी जी के सपने को।
१४ सितम्बर १९५३ को,
प्रथम हिन्दी दिवस मनाया था।
तभी से मित्रों करने ध्यान आकर्षित,
हिन्दी दिवस प्रचलन में आया था।
महत्वपूर्ण समझना यहां है,
हिन्दी राज भाषा है शासन की।
जो समझी जाती है बहुत सी जगह,
भाषा केवल विशेष प्रान्त की।।
हिन्दी में हैं स्वर व व्यंजन
५२ दोनों मिलकर।
२६ ही रह जाते अंग्रेजी में,
वोवल्स व कन्सोनेन्ट्स मिलकर।।
हिन्दी शब्द कोष अति विकसित,
छोड़ संस्कृत और सभी हैं सीमित।
शब्द शब्द में सार है अतुलित,
व्याख्या हिन्दी की अपरिमित।।
जिस भावना और विचारधारा को,
जिस संबन्ध एवं व्यवस्था को,,
परिभाषित करना है शब्दों में …,
अक्षरक्ष: उच्चारण है हिन्दी में।।
लोक कहे आरोह अवरोह का,
बनता क्रम अति सुन्दर।
चाहो तो गागर में सागर भर देती,
चाहो तो अन्तहीन चर्चा कर देती।।
आत्मसात कर लिए हिन्दी ने!
कुछ अन्य भाषाओं के शब्दों को!!
बचा सको तो बचा लो मित्रो!
हिन्दी की लेखनी को!!
भूल डिजिटल पर वर्तनी हिन्दी की, अंग्रेजी में लिखते हिन्दी को!
बचाना है हिन्दी वर्णमाला को,
वरना बोलती बोलेगी एल्फाबेट की!!
डॉ लोकमणि गुप्ता-बंसल अग्रवाल
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष
अखिल भारतीय अग्रवाल महासभा।गुप्ता होम्यो क्लिनिक, अग्रसेन बाजार, कोटा, राजस्थान।
मोबाइल ९३५१५९१४३७