जिले की फिजा में फैल रही है नक्सली किला ध्वस्त होने की खुशबू
लेकिन मामला अभी भी अंडर ऑफिशियल………..
सरायकेला-खरसावां (संजय मिश्रा) सरायकेला खरसावां जिला सहित राज्य भर के लिए कुख्यात रहे नक्सली कमांडर महाराज प्रमाणिक उर्फ राज प्रमाणिक को लेकर बीते 5 दिनों से हाईप्रोफाइल मामला जारी है। जिसके बीच कभी भाकपा माओवादी के नक्सली कमांडर महाराज प्रमाणिक के संगठन से दगाबाजी करने की खबरें सामने आ रही हैं। जिसमें नक्सली कमांडर द्वारा संगठन का ₹4000000 और हथियार लेकर भागने सहित पुलिस की मुखबिरी करने का आरोप लगाया जा रहा है। वही दूसरी ओर महाराज प्रमाणिक के सरायकेला खरसावां पुलिस की गिरफ्त में आने की खबरें भी भरपूर लाइक और कमेंट का हिस्सा बन रही है। बहरहाल पूरे मामले में किसी भी प्रकार का आधिकारिक पुष्टि नहीं होने के कारण कुख्यात नक्सली कमांडर महाराज प्रमाणिक आम जनों और विभिन्न गलियारों के बीच ब्रांड बनता हुआ देखा जा रहा है। इसी बीच महाराज प्रमाणिक की तथाकथित गिरफ्तारी के मामले को लेकर सभी ओर से सकारात्मक विचार सामने आने लगे हैं। जिसमें एक लंबे अरसे से नक्सलवाद का दंश झेल रहे जिले सहित राज्यभर में भी नक्सलवाद का एक बड़ा किला ध्वस्त होने का कयास लगाया जा रहा है। इधर कुख्यात नक्सली कमांडर महाराज प्रमाणिक के वृद्ध पिता जरासिंधु प्रमाणिक भी अपने बेटे के 12 वर्षों के बनवास के बाद घर वापसी पर आंखों से आंसू छलका रहे हैं। वही पूरे मामले में महाराज प्रमाणिक के गिरफ्तारी या गिरफ्तारी नहीं पर अधिकारिक महकमा किसी प्रकार की पुष्टि करने पर मौन देखा जा रहा है।
क्या कहते हैं महाराज के पिता जरासिंधु –
नक्सलवाद के नाम पर खून की होली खेलने और अवैध उगाही कर लाखों की संपत्ति से खेलने वाले कुख्यात नक्सली कमांडर महाराज प्रमाणिक के पिता जरासिंधु प्रमाणिक आज भी अपने इचागढ़ थाना अंतर्गत दारुदा गांव के खपरैल मकान में सामान्य जीवन जी रहे हैं। बेटे के घर वापसी की उड़ती खबरों में उनके बूढ़े आंखों में खुशी के आंसू छलका दिए हैं। जरासिंधु कहते हैं कि महाराज की वापसी सभी के लिए शुभ है। और उन्हें खुशी है कि 12 वर्षों बाद एक बार फिर उनका पूरा परिवार साथ रह सकेगा।
महाराज का सफरनामा सारांश –
बताया जाता है कि कुख्यात नक्सली कमांडर महाराज प्रमाणिक के अपराधिक जीवन की शुरुआत वर्ष 2008 से हुई थी। जब वह चोरी के मामले में दो बार जेल गया था। वर्ष 2009 में जेल से लौटने के बाद उसने बजाप्ते भाकपा माओवादी संगठन ज्वाइन करते हुए दामन थामा था। उसके बाद लगातार नक्सली वारदातों और गतिविधियों में बढ़-चढ़कर सक्रिय रहने के कारण उसे संगठन में प्रोन्नति मिलती गई। वर्तमान में वह कोल्हान समेत बुंडू तमाड़ इलाके में नक्सली कमांडर के रूप में कार्य कर रहा था। कुकड़ू हाट में हुई पांच पुलिसकर्मियों की निर्मम हत्या सहित जिले के कई नक्सली वारदातों में महाराज प्रमाणिक की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। जिसके तहत विभिन्न थाना क्षेत्रों में महाराज के खिलाफ 81 मामले दर्ज बताए जा रहे हैं।
बीते 26 जुलाई को कुचाई थाना कांड संख्या 10/2018 के मामले में पुलिस द्वारा उसके दारूदा स्थित आवास पर न्यायालय का इश्तिहार भी चश्पाया गया था। इश्तिहार जश्पाए जाने के एक महीने बाद महाराज प्रमाणिक की तथाकथित गिरफ्तारी या आत्मसमर्पण को इस नजर से भी देखा जा रहा है। बहरहाल अधिकारिक पुष्टि के बिना पूरा मामला अभी तक भैग बना हुआ है। जिस पर जल्द ही छाए हुए संशय के बादल छंटने के कयास लगाए जा रहे हैं।