नीमडीह : झारखंड आंदोलनकारी अधिकार समिति के मिलन समारोह संपन्न …
ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र के सैकड़ों आंदोलनकारियों ने अलग झारखंड की लड़ाई लड़ी, नौकरी त्याग दी : सुखराम हेम्ब्रम…
कल्याण पात्रा चांडिल: झारखंड के आदिवासी – मूलवासियों के हित में चिंतन करने वाले पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की महत्वाकांक्षी सोच है कि झारखंड के हर क्षेत्र से आंदोलनकारियों की पहचान हो एवं उन्हें सम्मान मिले। पूर्व सीएम हेमंत सोरेन के कार्यकाल में आंदोलनकारियों को चिह्नित करने के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित किया गया है। इसके तहत गांव – टोला के आंदोलनकारियों को चिह्नित करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है।
उक्त बातें झामुमो के वरिष्ठ नेता सह झारखंड आंदोलनकारी सुखराम हेम्ब्रम ने कहा। नीमडीह के रघुनाथपुर स्थित वन विश्रामगृह में आयोजित ईचागढ़ विधानसभा स्तरीय झारखंड आंदोलनकारी अधिकारी समिति के मिलन समारोह में बतौर मुख्य वक्ता के रूप में सुखराम हेम्ब्रम उपस्थित थे। इस दौरान मिलन समारोह को संबोधित करते हुए सुखराम हेम्ब्रम ने कहा कि झारखंड राज्य अलग होकर 24 साल होने चला है, परंतु पिछली सरकार ने कुछ गिने चुने आंदोलनकारियों को चिन्हित किया था।
जबकि ईचागढ़ विधनसभा क्षेत्र के सैकड़ों आंदोलनकारियों ने अलग झारखंड राज्य की लड़ाई के लिए संघर्ष किया, यहां तक की अनेकों पढ़े लिखे युवाओं ने अपने हाथ में आई नौकरी को त्यागकर आंदोलन में कूद पड़े थे। वैसे लोगों को आंदोलनकारी का दर्जा अबतक नहीं मिला है और न ही उन्हें सम्मान मिलता है।
सुखराम हेम्ब्रम ने दुख जताते हुए कहा कि हमारे राज्य का दुर्भाग्य ही है कि इस राज्य में वैसे लोग भी मुख्यमंत्री और मंत्री बन चुके हैं, जिन्होंने हमेशा झारखंड विरोधी कार्य किए हैं, जिनका अलग झारखंड आंदोलन में कोई योगदान भी नहीं रहा। उन्होंने कहा कि झारखंड राज्य में झारखंडियों को अधिकार, मान, सम्मान मिलना चाहिए। यदि राज्य के अधिकारी झारखंडियों के साथ अन्याय करेंगे तो सहन नहीं किया जाएगा।
पूर्व मुखिया सुनील सिंह की अध्यक्षता में आयोजित मिलन समारोह में ईचागढ़ विधानसभा के विभिन्न स्थानों से झारखंड आंदोलनकारियों ने भाग लिया। समारोह प्रारंभ होने से पूर्व नीमडीह मोड़ स्थित शहीद निर्मल महतो के प्रतिमा पर झामुमो के वरिष्ठ नेता सुखराम हेम्ब्रम के नेतृत्व में आंदोलनकारियों श्रद्धासुमन अर्पित किया।
वहीं, कार्यक्रम स्थल पर उपस्थित सभी आंदोलनकारियों ने देश व राज्य के शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित की। इस दौरान झारखंड आंदोलन के सक्रिय कार्यकर्ताओं के रोजगार तथा उचित सम्मान दिलाने के लिए चर्चा की गई।इस अवसर पर अधिवक्ता महेंद्र नाथ महतो, शशिकांत, विश्वनाथ मंडल, हाड़ीराम सोरेन, कृष्णदास महतो, मंदाकिनी सिंह, रमेश माझी, रामप्रसाद महतो, सुनील सिंह, हरि सिंह, रांगु माझी, बाउरी किस्कू, बुद्धेश्वर गोराई, राजेश्वर मुदि आदि उपस्थित थे।