चंपई सरकार द्वारा झारखंड में जातिगत जनगणना करने की स्वीकृति देने के निर्णय का पिछड़ा वर्ग संघर्ष मोर्चा ने किया स्वागत, कहा मोर्चा के लगातार आंदोलन के कारण यह संभव हुआ…
दुमका: मौसम कुमार । बिहार की तर्ज पर झारखंड में भी जातीय जनगणना कराने के लिए मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने शनिवार को मंजूरी दे दी है। सीएम चंपाई सोरेन ने कार्मिक विभाग को इसकी जिम्मेदारी सौंपी है। मुख्यमंत्री के इस ऐतिहासिक निर्णय का स्वागत करते हुए पिछड़ा वर्ग संघर्ष मोर्चा संताल परगना ने स्वागत किया है। इस बाबत प्रमुख पदाधिकारियों की बैठक केंद्रीय अध्यक्ष असीम मंडल के अध्यक्षता में रविवार को दुमका परिसदन भवन में किया गया।
बैठक में असीम मंडल ने कहा है कि झारखंड सरकार का यह ऐतिहासिक निर्णय है। मोर्चा इसका स्वागत करती है। ओबीसी संघर्ष मोर्चा के लगातार आंदोलन का ही परिणाम है कि सरकार ने यह निर्णय लिया है। जाति का जनगणना होने से आबादी के अनुरूप आरक्षण देने की हमारी मांग भी पूरी हो सकती है। उन्होंने कहा कि आंदोलन को मुकाम तक पहुंचाने के लिए क्रमबद्ध तरीके से आंदोलन की रूपरेखा तय करेंगे।
प्रधान महासचिव डॉ अमरेन्द्र कुमार यादव ने कहा है कि अखंड विहार में पिछड़ों को 27 % आरक्षण मिलता था लेकिन झारखंड गठन के बाद से ही राज्य की बाबूलाल सरकार ने पिछड़ों का आरक्षण शून्य कर दिया था। राज्य स्तर पर 14% आरक्षण दिया गया है लेकिन दुमका सहित 7 ऐसे जिले हैं जहाँ आरक्षण शून्य को सुनने कर दिया गया है। हेमंत सरकार ने जातिगत जनगणना कराने का घोषणा किया था। आज चंपाई सरकार ने जातिगत जनगणना कराने की स्वीकृति देते हुए कार्मिक विभाग को एसओपी बना कर जनगणना कराने का निर्देश जारी कर दिया है। इसके लिए पिछड़ा वर्ग संघर्ष मोर्चा लगातार संघर्षरत थे। जिसके परिणाम स्वरूप यह कार्य होने जा रहा है। जिसका मोर्चा तहेदिल से स्वागत करती है।
आगे भी हमलोगों का आंदोलन जारी रहेगा। साथ ही मोर्चा सरकार को भी इसके लिए सहयोग करने का काम करेंगे। इस जनगणना से बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा लोगों को पता चलेगा कि किस जाति की कितनी आबादी है अभी तक किसी को इसकी जानकारी नहीं है। महासचिव रंजीत जायसवाल ने कहा कि ट्रिपल टेस्ट करने के बाद ही नगर निकाय का चुनाव कराया जाना चाहिए। कोषाध्यक्ष अजीत मांझी ने कहा कि पिछड़ों के साथ हमेशा भेदभाव हुआ है
उसे आबादी के अनुरूप आरक्षण मिलना चाहिए उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन सरकार द्वारा पिछड़ा आरक्षण बिल को स्वीकृति देने के लिए राज्यपाल से आग्रह किया जाएगा। बुद्धिजीवी मंच के बिहारी यादव ने कहा कि सरकार का निर्णय स्वागत योग्य है। पिछड़ी जातियों के 50 वर्ष से ऊपर की महिलाओं को वृद्धावस्था पेंशन देने की घोषणा भी सराहनी है। मौके पर कंचन यादव, अरुण कुमार पंजियारा और शंकर यादव सहित कई लोग मौजूद थे।