सरायकेला रथ यात्रा: गुंडिचा मंदिर में महाप्रभु श्री जगन्नाथ एवं श्री बलभद्र का हुआ अद्वितीय वेश सज्जा…
सरायकेला: संजय मिश्रा । सरायकेला की परंपरागत रथ यात्रा में वेष सज्जा की परंपरा एकमात्र एवं इकलौती परंपरा के तौर पर प्रतिष्ठित है। इसके तहत सरायकेला के मौसी बाड़ी स्थित गुंडिचा मंदिर में गुरुवार को एक अद्वितीय धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन देखने को मिला। इस विशेष अवसर पर महाप्रभु श्री जगन्नाथ, भगवान श्री राम के स्वरूप में और श्री बलभद्र, भगवान श्री परशुराम के अवतार के स्वरूप में अपनी बहन सुभद्रा के साथ भक्तों को दर्शन दिए। इस भव्य वेश सज्जा को मूर्तरूप देने में प्रमुख कलाकार गुरू सुशांत महापात्र के नेतृत्व में पार्थ सारथी दास, सुमित महापात्र, सुभम कर, मानू सतपथी, विक्की सतपथी और मुकेश साहू ने अपने कला कौशल का प्रदर्शन किया।
यह वेश सज्जा के कार्य बुधवार की रात्रि 11 बजे से शुरू होकर अगले दिन प्रातः 5:30 बजे संपन्न हुई। रात भर चली इस धार्मिक प्रक्रिया में कलाकारों ने अपनी कला और समर्पण से प्रभु श्री जगन्नाथ के विभिन्न अवतारों को सजीव कर दिया। बृहस्पतिवार की प्रातः भक्तों ने इन दिव्य रूपों का दर्शन कर अपने को धन्य महसूस किया। गुंडिचा मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी, जो इस अलौकिक दृश्य का साक्षात्कार करने के लिए दूर-दूर से आए रहे। श्री जगन्नाथ मेला कमेटी के अध्यक्ष मनोज कुमार चौधरी ने इस अवसर पर बताया कि गुरू सुशांत महापात्र और उनके सहयोगी कलाकारों ने अपने समर्पण और मेहनत से इस भेष सज्जा को संभव बनाया।
पार्थ सारथी दास, सुमीत महापात्र, सुभम कर, मानू सतपथी, विक्की सतपथी और मुकेश साहू ने अपनी कला का प्रदर्शन कर इसे एक अद्वितीय अनुभव में बदल दिया। उनकी मेहनत और लगन के बिना इस आयोजन की सफलता संभव नहीं होती। सभी सहयोगी कलाकार विशेष रूप से धन्यवाद के पात्र हैं, जिन्होंने इस धार्मिक आयोजन को सफल बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। इस कार्यक्रम ने न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से बल्कि सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी एक महत्वपूर्ण स्थान बनाया है। यह आयोजन न केवल स्थानीय स्तर पर बल्कि व्यापक स्तर पर भी सराहा गया।
इसने धर्म और कला के मेल का एक उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया। श्रद्धालुओं ने इस अवसर पर अपनी श्रद्धा और भक्ति को प्रकट किया और इसे एक यादगार अनुभव के रूप में संजो लिया। गुंडिचा मंदिर का यह आयोजन आने वाले वर्षों में भी श्रद्धालुओं और कला प्रेमियों के लिए एक प्रेरणा स्रोत बना रहेगा। श्री जगन्नाथ मेला समिति के अध्यक्ष मनोज कुमार चौधरी ने सभी कलाकारों इस अद्वितीय और सफल वेश सज्जा के लिए बधाई और धन्यवाद दिया है।