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झारखण्ड बंगभाषी समन्वय समिति द्वारा एक दिवसीय शिक्षक सम्मेलन का सफल आयोजन, समिति ने शिक्षा परियोजना को बंगला के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप…

जमशेदपुर (सुदेश कुमार) झारखण्ड बंगभाषी समन्वय समिति की ओर से पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत एक दिवसीय शिक्षक सम्मेलन का आयोजन सफलता पूर्वक सम्पन्न हुई।

सर्वप्रथम सभापति विकास मुखर्जी, महासचिव संदीप सिन्हा चैधरी, कार्यकारी अध्यक्ष नेपाल चंद्र दास एवं विश्वजीत मंडल, कोषाध्यक्ष दिलीप महातो तथा पूर्व शिक्षक मदन मोहन माहातो द्वारा संयुक्त रूप से द्वीप प्रज्जलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया तत्पश्चात समिति द्वारा 91 वर्षीय शिक्षक मदन मोहन महतो को पुष्प गुच्छ और अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया ।

इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य था, राज्य में बांग्ला भाषा का गौरवपूर्ण इतिहास और वर्तमान बांगला शिक्षा व्यवस्था पर चिंता और विस्तृत चर्चा भी किया गया।

राज्य के विभिन्न जिलों से उपस्थित शिक्षकांे के द्वारा चर्चा के दौरान मुख्य रूप से कई महत्वपूर्ण सवाल और बातें उभर कर सामने आई:-

1) विगत 24 वर्षों में झारखंड शिक्षा परियोजना द्वारा हिंदी को अधिक महत्व देखकर बांग्ला को खत्म कर दिया गया। इसके लिए झारखंड शिक्षा परियोजना उत्तरदायी है।
2) राज्य गठन के बाद प्राथमिक स्तर पर बांगला भाषा का कोई भी पाठ्यक्रम उपलब्ध नहीं है तथा पाठयपुस्तक भी उपलब्ध नहीं हैं, जब की नई शिक्षा नीति 2020 के प्रावधान में सभी को अपनी मातृभाषा में शिक्षा का अधिकार है।
3) ग्रामीण क्षेत्रों में यह झूठ फैलाया जाता है यह समझाया जाता है कि, अगर बांग्ला भाषा में पढ़ोगे तो नौकरी नहीं मिलेगा इसलिए बांग्ला मत पढ़ो। जिसका सभी शिक्षको ने
घोर विरोध किया।
4) कक्षा 1 से लेकर कक्षा 12वीं तक सभी विषयों में बांगला पाठ्यपुस्तक तथा प्राथमिक विद्यालय में बांगला शिक्षको का पद एवं नियुक्ति ना होने के कारण बांगला पढ़ाई में बाधा उत्पन्न हो रही है।
5) आंगनबाड़ी केंद्रों में मातृभाषा बांगला में पढ़ाई नहीं होने के कारण भी बांग्लाभाषी विद्यार्थी शिक्षा से बंचित है। जिसे अविलंब सुधारने की जरूरत है।
6) चर्चाओं में यह बात सामने आई हैं कि धालभूमगढ़ तथा सराईकेला के राज घरानों द्वारा बांग्ला भाषा, सभ्यता और संस्कृति को बचाने के लिए बहुत योगदान दिए हैं।

सम्मेलन के अंतिम चरण में 21 सदस्यीय शिक्षक प्रकोष्ठ का गठन किया गया, जो आने वाले दिनों में प्रत्येक प्रखण्ड स्तर पर कमिटी का गठन करेगी। सम्मेलन का संचालन महासचिव संदीप सिन्हा चैधरी ने किया एवं धन्यवाद ज्ञापन नेपाल दास ने किया।

सम्मेलन को सफल बनाने :-

सम्मेलन को सफल बनाने में मुख्य रूप से उदय सोम, रंजीत मित्रा, दिलीप महतो, गणेश दास, गोविंद मुखर्जी, आशीष मण्डल, रवींद्रनाथ दास, अरुण विश्वास, परितोष बोस, धनंजय दास, मोनी बागची, अरुण दासगुप्ता, बाबूलाल चक्रवर्ती, श्रीमती पुरवी घोष, सुभ्रा दास, बनोश्री सरकार, दीपिका बैनर्जी, रितुपर्णा दत्ता, गीतारानी महतो, शोम्पा दास, सोनाली साहु, चैताली पाल, अपर्णा दत्ता, प्रणब घोष, चैतन्य गोराई, मिहिर दास, अनूप कुमार, प्रसेंजित बरुआ, नजरूल इस्लाम, चित्रदीप भट्टाचार्ज ने अपना बहुमूल्य योगदान दिया है।

 

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