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जमशेदपुर : सरनार्थी हो रहे हैं हिन्दू बंगाली समुदाय अपने ही राज्य मे…

• जमशेदपुर विश्व हिन्दू परिषद और पूर्वी सिंहभूम जनता दल (यूनाइटेड) ने मुर्शिदाबाद में हिन्दू बंगाली पर हो रहे अमानवीय अत्याचार के खिलाफ महामहिम राष्ट्रपति को पत्र लिखा।

• क्या केन्द्र सरकार गंभीरता से ले रहें हैं मुर्शिदाबाद के मामले को ?

दीपक नाग… ✍️

जमशेदपुर : वफ संशोधन बिल के विरोध में मुर्शिदाबाद, पश्चिम बंगाल में हो रहें वहां के मुस्लिम समुदाय के द्वारा हिन्दू बंगालियों पर हो रहा अमानवीय अत्याचार को ममता बनर्जी के त्रिणमूल सरकार रोक पाने मे पुरी तरह से असफल रहा है । इस अमानवीय व्यवहार पर अंकुश लगाने के लिए जमशेदपुर विश्व हिन्दू परिषद और पूर्वी सिंहभूम जनता दल (यूनाइटेड) के लोगों ने अलग – अलग मंचों से अपने समर्थकों के साथ आक्रोश और विरोध प्रदर्शन किया।

दोनों संगठनों ने मूल रूप से पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन अविलंब लगाने, बंगला देशी और रोहिंग्या पर अंकुश लगाने, पश्चिम बंगाल और मुर्शिदाबाद के हिन्दू बंगाली समुदाय के लोगों का जान और माल की रक्षा करने के लिए महामहिम राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा । 

पश्चिम बंगाल के घटना को लेकर दोनों संगठनों को जोरदार नारा लगाते हुए रैली के रूप में देखा गया । विरोध प्रदर्शन में ममता बनर्जी की गिरफ्तारी और राष्ट्रपति शासन लगाने का नारा लगाया गया ।

गौरतलब है कि, केरल जैसे राज्य में मुस्लिम आबादी पचास प्रतिशत से भी अधिक है, पर केरल मे मुर्शिदाबाद जैसी कोई अमानवीय घटना नहीं घटा । जबकि, ममता बनर्जी के राज्य मे हो रहे ऐसी वारदातें पुरे देश में लोगों के दिलों में आक्रोश पैदा करने के लिए बाध्य कर रहा है । एक मुख्य मंत्री होकर ममता बनर्जी व्यवहार हिन्दू बंगाली के लिए सरल क्यों नहीं है ? जिसका राज्य, उन्हीं के खिलाफ ? खुद तो मुर्शिदाबाद जाकर पिढ़ीत हिन्दू बंगाली समुदाय से मिलने नहीं गयी और पश्चिम बंगाल के राज्यपाल को भी जानें से रोकना चाही ।‌जबकि, एक दुसरे राज्य मणिपुर के मामले के समय अपने पार्टी के लोगों को डेलिकेट बनाकर भेजी थी । ममता बनर्जी को मणिपुर के लोगों के लिए इतनी पीड़ा थी तो अपने ही राज्य के लोगों के लिए दिल इतनी कठोर क्यों है ? ऐसी अनेक प्रकार के सवालों के कटघरे में है पश्चिम बंगाल का मुख्य मंत्री ममता बनर्जी।
इधर पश्चिम बंगाल में संदेशखाली मे हुई घटना और अब मुर्शिदाबाद का घटना हो जाने के बाद भी केन्द्र सरकार की ओर से वैसा कोई आज तक वैसी किसी भी तरह का तत्काल एक्सन लेते नहीं देखा गया । जबकि, पश्चिम बंगाल के भाजपा के तमाम बड़े नेता और राज्यपाल भी तब राष्ट्रपति शासन लगाने के लिए आवेदन किया था । पर परिणाम क्या मिला किसी से छुपा नहीं है ।