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श्रद्धा और आस्था की अग्निपरीक्षा: तुपुदाना में भव्य मंडा पूजा का आयोजन सफलतापूर्वक सम्पन्न

रांची । जिला के नामकुम प्रखंड अंतर्गत तुपुदाना में पारंपरिक आस्था एवं लोकसंस्कृति के अद्भुत संगम मंडा पूजा का आयोजन अत्यंत श्रद्धा एवं उत्साह के साथ सम्पन्न हुआ। इस धार्मिक अनुष्ठान में लगभग 150 भोक्ताओं ने अग्निपथ पर नंगे पांव चलकर अपनी अटूट भक्ति और आत्मबल का परिचय दिया। आयोजन स्थल पर हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं की उपस्थिति ने वातावरण को भक्तिमय बना दिया।

मंडा पूजा की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालते हुए घासी नायक युवा कल्याण समिति के कार्यकारी अध्यक्ष श्री मुकेश नायक ने बताया कि इस पर्व की शुरुआत नागवंशी राजाओं के शासनकाल में मकुंदा ग्राम से हुई थी। जमींदारी प्रथा के अंत के पश्चात शिव-पार्वती की आराधना की यह पवित्र परंपरा स्थानीय समाज—लोहरा, मुंडा पहान, उरांव, घासी नायक, महतो एवं कोईरी समाज—को सौंप दी गई, जिन्होंने इसे आज भी पूरी निष्ठा और श्रद्धा से जीवंत रखा है।

पूरे विधि-विधान एवं पारंपरिक मान्यताओं के अनुसार आयोजित इस पूजा में पहान जतरू पहान, पनभोरा धुचू उरांव, कोटवार काली नायक, रनथू नायक, राजा नायक, ठाकुर आलोक, पवन, भोला, एवं आनंद ठाकुर, लोहरा समुदाय के अजीत, भोला, हरी लोहरा, महतो समुदाय के बलदेव, धरमु महतो, तथा कोईरी समाज के महेश, मोहन, माशू, दिनेश कोईरी समेत अनेक समर्पित जनों का सक्रिय योगदान रहा।

इस पावन अवसर पर समिति के कार्यकारी अध्यक्ष श्री मुकेश नायक के नेतृत्व में दिपक नायक, मनोज उरांव, अनेश नायक, संजय नायक (कोका), छोटू नायक, मिटकू नायक, रौनक कुमार नायक, सुमेश, निखिल, रमेश, छठुवा, बसंत नायक, एवं बालू उरांव, संजय शाहदेव, भोथा उरांव, शनि कच्छप, आदि ने भी व्यवस्था एवं आयोजन को सफल बनाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।

<span;>मंडा पूजा न केवल आध्यात्मिक श्रद्धा का प्रतीक है, बल्कि यह झारखंड की सांस्कृतिक विरासत का जीवंत उदाहरण भी है, जो सामाजिक एकता, परंपरा और भक्ति की भावना को सशक्त बनाती है।

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