Spread the love

बहरागोड़ा: जल जीवन मिशन के तहत बनाए जा रहे पानी की टंकी में मजदूरों के सुरक्षा में उड़ाई जा रही धज्जियां, 50 फिट से अधिक ऊंचा बनने वाले पानी टंकी में काम करने वाले मजदूर बिना हेलमेट व सुरक्षा बेल्ट के

चाकुलिया (विश्वकर्मा सिंह) प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना जल जीवन मिशन के तहत बहरागोड़ा क्षेत्रों में राजगिरी कंस्ट्रक्शन द्वारा पेयजलापूर्ति के लिए बनाए जा रहे पानी की टंकी में मजदूरों के सुरक्षा मानकों की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही है. 50 फिट से अधिक ऊंचा बनने वाले पानी टंकी में काम करने वाले मजदूर बिना हेलमेट व सुरक्षा बेल्ट के खुले में कार्य करते हैं. वहीं घिरनी व रस्सी के सहारे छड़, बांस, सीमेंट, गिट्टी, बालू आदि खींचकर 50 फिट से अधिक ऊपर उठाते हैं. उस दौरान दो तीन मजदूर 50 फिट से अधिक ऊंचाई पर बने मचान के सहारे कंस्ट्रक्शन में उपयोग की जाने वाले सारे समान को ऊपर उठाते हैं एवं निर्माण कार्य करते है. जबकि आए दिन मजदूरी करने के दौरान टॉवर व बिल्डिंग से गिरकर मजदूरों की मौत होते रहती है. बावजूद कार्य करने वाली एजेंसी के संवदेक एवं कनीय अभियंता समेत अन्य सरकारी विभागों द्वारा इस पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. बताते चलें कि बहरागोड़ा प्रखंड क्षेत्र में कड़ोरो की लागत से प्रखंड के अधिकांश गांवों में पानी पहुंचाने के लिए पाईप बिछाने व टंकी निर्माण का कार्य किया जा रहा है. प्रखंड में लगभग 12 बड़े टंकी का निर्माण किया जा रहा है, जिसमें अधिकांश टंकियों में निर्माण कार्य से जुड़े मजदूरों के सुरक्षा का कोई व्यवस्था देखने की नहीं मिलता है.
अपनी सुरक्षा के लिए अगर स्ट्रक्चर को पकड़कर रखते हैं तो वे काम नहीं कर पाएंगे. ऐसे में सेफ्टी बेल्ट का प्रावधान एक्ट में किया गया है. ताकि बेल्ट को स्ट्रक्चर के हुक पर लगा दिया जाए तो दुर्घटना होने पर भी नीचे गिरने की संभावना नहीं रह जाती. इसके अलावा हेलमेट की भी अनिवार्यता रखी गई है पर इन्हें सुरक्षा के उपकरण नहीं दिलाए गए हैं.

राजगिरी कंस्ट्रक्शन के कॉन्टैक्टर भागीरथ बर्मन ने कहा पूरे झारखंड में 20 से 30 पानी टंकी बन रहा है. लेकिन हर जगह बिना सेफ्टी का काम हो रहा है. हम लोग कंपनी को सेफ्टी के लिए समान मांगते हैं लेकिन कंपनी नहीं देता है. इसीलिए मजबूरी होकर काम करना पड़ता है. पूछे जाने पर उन्होंने कहा अगर कुछ दुर्घटना हो जाता है तो उसकी जिम्मेदारी कंपनी लेगा. पूरे झारखंड में 25 साइट चल रहा है.

Advertisements

You missed