भुरकुंडा कोयलांचल में धूमधाम से मना वैशाखी पर्व, जस-कीर्तन सहित हुए कई धार्मिक अनुष्ठान…
रामगढ़ ब्यूरो (इन्द्रजीत कुमार)
सिखों के नववर्ष के रूप में मनाया जाने वाला बैशाखी पर्व भुरकुंडा कोयलांचल, भदानीनगर, सौंदा डी, सेंट्रल सौंदा, रीवर साईड आसपास क्षेत्रों में शुक्रवार को भक्तिभाव से श्रद्धापूर्वक मनाया गया। इसी दौरान गुरू सिंह सभा भुरकुंडा गुरूद्वारा में कई धार्मिक अनुष्ठानों के बीच खालसा साजना दिवेश औंर बैसाखी का त्योहार मनाया गया। इसी दौरान सिख समुदाय द्वारा टोरी चंदवा के गुरमीत सिंह मीत के नेतृत्व में नौजवान बच्चों के बीच दस्तार मुकाबला कराया गया। जिसमें दर्जनों बच्चों ने हिस्सा लिया गया। इसके पूर्व संगतो द्वारा गुरुद्वारा में गुरु जश कीर्तन-गायन का आयोजन किया गया। वहीं सुबह से ही गुरबाणी का पाठ चलता रहा। यहां सुखमणि साहब का पाठ हुआ। इसके बाद संगतों ने गुरु महाराज का जस-कीर्तन किया।
दोपहर में महाराज का लंगर शुरू हुआ। जिसमें सैंकड़ों श्रद्धालु महिला-पुरूष व विभिन्न समाज के लोगों ने गुरू का प्रसाद ग्रहण कर अपने परिवार व क्षेत्र की हरियाली-खुशहाली की कामना की। मौके पर गुरूद्वारा के प्रधान लाल सिंह रंधावा उर्फ रिंकु ने बताया कि बैशाखी के दिन ही सिखों के 10वें गुरु गोविन्द सिंह जी ने 13 अप्रैल 1699 को खालसा पंथ की स्थापना की थी। धर्म की रक्षा करना और समाज की भलाई करने के लिए ही खालसा पंथ की स्थापना की गई थी।
कार्यक्रम को सफल बनाने में प्रधान लाल सिंह सचिव तजिंदर तरहण, कोषाध्यक्ष निशांत सिंह, इंद्रजीत सिंह छाबड़ा, जसपाल सिंह, अमर सिंह, नरेंद्र सिंह रेखी, गुरदीप सिंह, गुरूद्वारा के ग्रंथि जरनैल सिंह, नवजोत सिंह, आर्य सिंह, प्रियांशु सिंह, मोनू सिंह, साजन सिंह, पीयूष सिंह, बीबी जसवीर कौर, कमलेश कौर छाबड़ा, उषा कौर, अनीता कौर, जसमीत कौर, राज कौर, रेखा कौर, सरबजीत कौर, बीबी करमी कौर आदि का विशेष योगदान रहा।