विभागीय जांच में पाया गया बिहार स्पंज आयरन लिमिटेड कंपनी का ESP मशीन बंद, जिससे क्षेत्र में फैल रही भयंकर प्रदूषण…
बिहार स्पंज उगल रही है मौत, काला धुआं आम जनजीवन के साथ जंगली जानवर और मवेशी भी मौत के छायें में …
चांडिल (कल्याण पात्रा)। सरायकेला . खरसावां जिला के चांडिल प्रखंड अंतर्गत लाखा स्थित बिहार स्पंज आयरन लिमिटेड कंपनी (बीएसआईएल) द्वारा फैलाए जा रहे प्रदूषण की शिकायत पांच गांव के ग्रामीणों लगातार झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण पार्षद से करते रहा है । जिससे लेकर बिहार स्पंज आयरन लिमिटेड कंपनी (बीएसआईएल) द्वारा फैलाए जा रहे प्रदूषण की शिकायत पर झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण ने जांच की। बता दे कि झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण पार्षद के जमशेदपुर क्षेत्रीय पदाधिकारी राम प्रवेश कुमार ने अपने टीम के साथ पिछले मार्च महीने में कंपनी के प्लांट की जांच की थी। अधिकारी ने अपनी जांच रिपोर्ट को राज्य प्रदूषण नियंत्रण पार्षद के सचिव को भेज दिया था ।
जांच रिपोर्ट से कंपनी के सभी दावों की पोल खुल गई हैं। किन कारणों से क्षेत्र के लोगों को प्रदूषण की मार झेलनी पड़ रही हैं, यह भी जांच रिपोर्ट से खुलासा हुआ है। जांच के दौरान कंपनी द्वारा फैलाए जा रहे प्रदूषण और उड़ने वाली धूलकण का वास्तविक कारण पता चला है। प्रदूषण फैलाने में कंपनी के अधिकारियों की भूमिका सवालों के घेरे में है।
क्षेत्रीय अधिकारी ने अपने रिपोर्ट में बताया है कि उन्होंने कंपनी के प्रबंधक ईश्वर राव तथा एस के सोलंकी की उपस्थिति में कंपनी की जांच की। जांच रिपोर्ट में बताया है कि (बीएसआईएल) कंपनी में 2× 100 टीडीपी 1×500 टीडीपी एवं कैपटिव पावर प्लांट से 5 मेगा वाट विद्युत उत्पादन किया जाता है, लेकिन जांच के दौरान 2× 100 टीडीपी 1×500 टीडीपी चालू अवस्था में थी। जबकि कैपटिव पावर प्लांट बंद पाया गया। वहीं, 2× 100 टीडीपी तथा 1×500 टीडीपी के किलन से भारी मात्रा में उत्सर्जन होते हुए पाया गया है। इसके साथ साथ 2× 100 टीडीपी 1×500 टीडीपी का कैप भी खुला हुआ पाया गया,
जिससे अत्यधिक उत्सर्जन होता हुआ पाया गया है। वहीं, कंपनी में स्थापित 1× 500 टीडीपी का ईएसपी कार्य नहीं करने के कारण उत्सर्जन अधिक होने से आसपास के क्षेत्र और दलमा के पहाड़ियों में प्रदूषण की समस्या बढ़ रही हैं। इसके अलावा प्लांट में बैग हाउस स्थापित हैं जो विभिन्न सेक्शनों में स्थापित प्रदूषण नियंत्रण व्यवस्था के माध्यम से धूलकणों को स्काशन कर बैग फिल्टर के माध्यम से प्रदूषण की रोकथाम की व्यवस्था की जानी है। लेकिन जांच में पाया गया है कि बैग फिल्टर पूरी क्षमता के साथ कार्य नहीं करने के कारण रॉ मेटेरियल हैंडलिंग सेक्शन, सीडी तथा प्लांट परिसर में मौजूद धूलकण से प्रदूषण फैल रही हैं। प्लांट में जल छिड़काव का व्यवस्था किया गया है लेकिन स्थायी स्प्रिंकलर नहीं चलाया रहा था। जांच में पाया गया था कि ऑनलाइन स्टॉक मोनिटरिंग सिस्टम बंद है।
प्रदुषण से प्रभावित:
चांडिल प्रखंड अंतर्गत लाखा स्थित बिहार स्पंज आयरन लिमिटेड कंपनी (बीएसआईएल) द्वारा फैलाए जा रहे प्रदूषण से स्थानिया पांच गांव के जन जीवन प्रभावित तो है ही जिससे बच्चे, बुढ़े और जवान रोग से ग्रसित हो रहे है । प्रदुषण बढ़ने से घरेलू पशु मवेशी भी इसका शिकार है । वही कम्पनी से काफी नजदीक दलमा हो के कारण जंगलो पर भी इसका असर देखने को मिल रहा है । प्रदुषण से सैकड़ो छोटे बड़े जीव जन्तु का पलायन और मर रहे है ।
देखने है कि राज्य प्रदुषण परिषद् बिहार स्पंज आयरन लिमिटेड कंपनी (बीएसआईएल) हो रहे प्रदुषण पर रोक लगाने की दिशा में क्या पहल करती है या…….
पड़ती है लाठी तो मुहं से निकलती है आह..
झारखंड प्रदूषण पर नियंत्रण परिषद् की जांच रिपोर्ट के वाद प्लांट अधिकारी अपने पैतरे बदलने लगे है । यूं कहा जाए की जब पड़ती है लाठी तो मुहं से निकलती है आह… बीएसआईएल द्वारा फैलाए जा रहे प्रदूषण के सवालों का जबाव देते हुए प्लांट के मुख्य अधिकारी शंकर सामंत ने बताया कि जल्द ही प्रदूषण नियंत्रण कर लिया जाएगा, इसकी तैयारी चल रही हैं। उन्होंने बताया कि प्लांट में WHR बॉयलर लगाए जाएंगे।
इससे कीलन के गर्म गैस को स्टीम बनाकर उपयोग किया जाएगा। इसके अलावा प्लांट में और दो नया कीलन लगाया जाएगा। उन्होंने बताया कि इन सभी मशीनों की स्थापना होने के बाद पूर्ण रूप से प्रदूषण नियंत्रण हो जाएगी। शंकर सामंत ने बताया कि कंपनी सीएसआर के तहत सुवर्णरेखा कैनाल में बनी पुल का मरम्मत कराएगी। बारिश से पहले पुल का मरम्मत करवा दिया जाएगा। एनएच से प्लांट तक स्ट्रीट लाइट लगाए जाएंगे। इसके अलावा शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी कंपनी ने काम शुरू किया है।