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बुण्डू – पीछे वर्षा ने झारखंड सरकार की भष्ट्राचार का पोल तो खोल दी थी । परन्तु लगातार तीन दिनों की बारिश ने रहा सहा कसर उतार दी । हम बात कर रहे है 8 करोड़ से नव निर्मित
बामलाडीह पुल की जो क्षतिग्रस्त के बाद पुल का तीन पाया के स्लैब को भी पानी की तेज बहाव ने बहा ले गया । सोनाहातू- तमाड़ को जोड़ने वाली कांची नदी का बामलाडीह पुल भष्ट्राचार और अबैध उत्खनन कारोवारियों के गाल में समा गया ।

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सोनाहातू से तमाड़ के बीच कांची नदी का बामलाडीह घाट का पुल के बीच का तीन स्लैब देर रात बह गया जिससे पुल बीच में से दो भागों में बंट गया । पुल बहने से आवागमन बंद हो गया है। सोनाहातू से तमाड़ जाने के लिए ये मुख्य मार्ग था । पुल के बहने दोनो प्रखंड का संबंध सीधे तौर पर टुट गया है। 8 करोड़ की लागत से 2011-12 में पुल का निर्माण शुरू हुआ था, फिर 2014 से पुल आवाजाही शुरू हुआ। 27 जुलाई 2017 को पुल का बीच का एक पाया दब गया था । 2018 तक पुल को तुरुस्त कर लिया गया था। ग्रामीणों का कहना है कि पुल के आस पास से अत्यधिक बालू के उठाव के कारण पुल का स्पेन दब गया था।अभी दो दिन के भारी वारिश से नदी का तेज बहाव को स्लैब झेल नही पाया,और 8करोड़ की योजना राम-राम सत्य हो गया ।

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