ज्योतिंद्रनाथ चिलबिंधा का तृतीय पुण्यस्मृति दिवस पर हुई चइक पुरा एवं मआड़इर गांथा प्रतियोगिता…
चांडिल (विद्युत महतो)
चांडिल प्रखण्ड स्थित कदमडीह में बुधवार को कुड़मी समाज चांडिल के संस्थापक ज्योतिंद्रनाथ चिलबिंधा के तृतीय पुण्यस्मृति दिवस के उपलक्ष्य में वरिष्ठ शिक्षक रमाकांत बांसरिआर की अध्यक्षता में एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। इस सभा के मुख्य अतिथि पद्मश्री छुटनी महतो ने कहा “मनुष्य जीवन को सार्थक बनाने के लिए प्रत्येक मनुष्य को अपने समाज के लिए अवश्य ही कुछ न कुछ करना चाहिए। समाज की हर बुराइयों को दूर करने का दायित्व, समाज का हक व अधिकार एवं भाषा-संस्कृति को बचाए रखने का दायित्व समाज के प्रत्येक नागरिकों का है। मैंने डायन जैसी कुप्रथाओं के खिलाफ साल 1995 में लड़ाई शुरू की, जिसमें अब तक 200 से अधिक महिलाओं को प्रताड़ना से बचाकर पुनर्वास कराने में सफल रही हुं और इस कुप्रथा के खिलाफ अंतिम सांस तक लड़ुंगी।
इस अवसर पर कुड़माली नेग-नेगाचारी एवं भाषा संस्कृति को बचाए रखने के लिए बालिका व महिला वर्ग के लिए चइक पुरा एवं बालक व पुरुष वर्ग के लिए मआड़इर गांथा प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया। महिला वर्ग के चइक पुरा में प्रथम बासंती महतो, द्वितीय डोली महतो एवं तृतीय संध्या महतो तथा सांत्वना पुरस्कार मीरा देवी को प्राप्त हुई। पुरुष वर्ग के मआड़इर गांथा में प्रथम तरणी महतो, द्वितीय दामोदर तिड़ुआर एवं तृतीय सुनील महतो को पुरस्कृत कर सम्मानित किया गया। अन्य सभी प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। अंत में शिक्षाविद् सह वरिष्ठ शिक्षक जयचांद बांसरिआर के द्वारा सभा के समापन की घोषणा की गई । कार्यक्रम को सफल बनाने में कुड़मी समाज चाण्डिल के सचिव अशोक पुनअरिआर, जनसंपर्क सचिव गुणधाम मुतरुआर, जयचांद बांसरिआर, शीतल पुनअरिआर, दामोदर तिड़ुआर, कलेश्वर काड़ुआर, रमेश काड़ुआर , कार्तिक बांसरिआर, देवेन्द्रनाथ जालबांनुआर, राजकिशोर हिंदइआर, कृष्णचंद्र काटिआर, शंभूनाथ केटिआर, दिलीप चिलबिंधा, प्रदीप चिलबिंधा आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे।