चाकुलिया: प्योरसम बायोप्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड ने नवनिर्मित जैविक खाद्य उत्पादन संयंत्र प्लांट का किया उद्घाटन, विधायक ने कहा एयरपोर्ट में गाय बांध देने से पूरा चाकुलिया ओर बहरागोड़ा हुआ शुद्ध
चाकुलिया (विश्वकर्मा सिंह) चाकुलिया हवाई पट्टी में स्थित ध्यान फाउंडेशन की गौशाला में प्योरसम बायोप्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा नवनिर्मित जैविक खाद्य उत्पादन संयंत्र प्लांट का उद्घाटन विधायक समीर मोहंती और पूर्व विधायक कुणाल षाडंगी ने फीता काट कर किया. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कंपनी के सीईओ अरविंद त्रिपाठी ने कहा कि प्योरसम ने झारखंड के चाकुलिया में एक नई सीएफओएम उत्पादन सुविधा की नींव रखी है.
यह प्लांट रणनीतिक रूप से 20,000 मवेशियों के लिए एक आश्रय के साथ एकीकृत है जो एक बंद लूप सिस्टम बनाता है. जहाँ गाय के गोबर को प्रीमियम जैविक खाद में परिवर्तित किया जाता है. 100 टन प्रति माह की लक्षित उत्पादन क्षमता के साथ यह सुविधा स्थानीय समुदायों के लिए स्थिर रोजगार और कौशल विकास के अवसर प्रदान करेगी. इस दौरान प्योरसम के ग्रामीण सशक्तिकरण के मिशन को और मजबूती मिलेगी. प्योरसम एक अग्रणी सामाजिक उद्यम, झारखंड भर में सीमांत और आदिवासी किसानों को सशक्त बनाते हुए गाय के गोबर को उच्च मूल्य वाले जैविक उत्पादों में बदलकर ग्रामीण कृषि में क्रांति ला रहा है. प्राकृतिक खेती, नवीन जैव उत्पादों और किसान शिक्षा को एकीकृत करके, प्योरसम एक आत्मनिर्भर कृषि पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा दे रहा है जो मिट्टी के स्वास्थ्य को बढ़ाता है. फसल की पैदावार में सुधार करता है और सिंथेटिक, रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों पर निर्भरता को कम करता है.
सीओओ अक्षय श्रीवास्तव ने कहा कि फ़र्टिलाइज़र्स ज्ञान और नवाचार के माध्यम से किसानों को सशक्त बनाना. प्योरसम सिर्फ़ बायोप्रोडक्ट्स का निर्माता नहीं है यह ग्रामीण भारत में बदलाव के लिए उत्प्रेरक है. कंपनी सक्रिय रूप से सीमांत, छोटे और आदिवासी किसानों को स्थाई खेती की तकनीकों में प्रशिक्षित और शिक्षित करती है. उन्हें प्राकृतिक और रसायन मुक्त खेती में बदलाव के लिए कौशल और संसाधनों से लैस करती है. ऑन-ग्राउंड प्रशिक्षण कार्यक्रमों, कार्यशालाओं और AI-संचालित डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से किसान मिट्टी के पुनर्जनन, जैविक इनपुट और जलवायु-लचीली कृषि में सर्वोत्तम प्रथाओं तक पहुँच प्राप्त करते हैं. सीएफएमओ को अपनाकर और प्रकृति की अपनी जैविक प्रक्रियाओं का उपयोग करना सीखकर, किसान इनपुट लागत को काफी कम कर सकते हैं. उत्पादकता बढ़ा सकते हैं और अपनी आय बढ़ा सकते हैं जिससे दीर्घकालिक आर्थिक और पर्यावरणीय स्थिरता प्राप्त होती है. यह पहल सीधे ग्रामीण आत्मनिर्भरता का समर्थन करती है. यह सुनिश्चित करती है कि छोटे किसान सिर्फ़ कृषि इनपुट के उपभोक्ता ही नहीं हैं बल्कि एक ऐसी सर्कुलर अर्थव्यवस्था में सक्रिय भागीदार हैं जो उनकी आजीविका और पर्यावरण दोनों को लाभ पहुँचाती है.
न्यूरो डॉ संजय कुमार ने कहा कि झारखंड के चाकुलिया में एक नई सुविधा एक हरित, आत्मनिर्भर भविष्य के लिए एक विजन प्योरसम प्रौद्योगिकी- संचालित, किसान-केंद्रित समाधानों के माध्यम से ग्रामीण कृषि को पुनर्जीवित करने के लिए प्रतिबद्ध है. वैज्ञानिक नवाचार और पारंपरिक ज्ञान के बीच की खाई को पाटकर, कंपनी भारत में टिकाऊ खेती के भविष्य को नया आकार दे रही है. यह पहल सिर्फ़ एक व्यवसाय से कहीं ज़्यादा है. यह आत्मनिर्भर कृषि समुदायों, स्वस्थ पारिस्थितिकी तंत्र और एक लचीली कृषि अर्थव्यवस्था की ओर एक आंदोलन है.
पूर्व विधायक कुणाल षाडंगी ने कहा कि चाकुलिया दो उद्योग के कारण मशहूर है. एक साबुन और दूसरा चावल से चाकुलिया का नाम मशहूर है. बहरागोड़ा को धान का कटोरा कहा जाता है. उन्होंने कहा कि हमारा शरीर एक मंदिर है और जंक फूड ने हमारे शरीर जो डेमेज किया है. बिना कसरत के सभी ने लाइफस्टाइल एकदम लेजी कर लिया हैं. प्योरसम नेचुरल प्रोडक्ट्स को लेकर आगे बढ़ना चाहता है. एग्रीकल्चर इकोनॉमी के क्षेत्र में रोजगार मिल सके इसलिए सभी को अभी से तैयारी कर लेनी चाहिए. सभी मिलजुल कर चाकुलिया को एक बड़ी पहचान देने का काम करे.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विधायक समीर मोहंती ने कहा कि जैसे जैसे इंसान जीवनशैली बदलता गया वैसे वैसे हम अपने जीवन पद्धति को बदलते रहे और हम खतरे में चले गए. लगता है हम प्राचीन का में फिर से चले जा रहे है जहां सिर्फ ओर सिर्फ गोबर से ही खेती होता था. समय के साथ साथ अभी ने तरह तरह का रासायनिक खाद्य का उपयोग किया गया ओर उसे सभी ने बीमारी का जड़ बना लिया. उन्होंने कहा कि जब तक अपना लाइफ स्टाइल को नहीं बदलते है तब तक हम बीमारी से दूर नहीं हो सकते है. ध्यान फाउंडेशन की टीम को धन्यवाद देते हुए कहा कि 25000 गाय की सेवा करके दिखा दिया कि हमारे जीवन का सबसे बड़ा देवता यही है. उन्होंने कहा कि नए घर का पूजा करते है गाय बढ़कर घर को शुद्ध करते है ठीक वैसे ही एयरपोर्ट में 25000 गाय बांध देने से पूरा चाकुलिया ओर बहरागोड़ा शुद्ध हो गया है. एक नया पहल कर उपयुक्त जगह को चिन्हित कर इस तरह का कार्य करने का पहल किया है. उन्होंने कहा कि कृषि कार्य को लेकर सरकार से बात कर इसे सुचारू रूप से चलाने का ओर कृषि कार्य के लिए प्रशिक्षण देने को लेकर पहल करेंगे.
इस मौके पर सीएफओएम नृपेंद्र त्रिपाठी, सीएमओ संजय सिंह, जिला उद्यमी कॉर्डिनेटर मंजू मिंज, एनएन पांडेय, शशि सिंह, अजीम लकड़ा, गौतम दास, देवाशीष दास, भृति सुंदर महतो, मोहन माइती, प्रदीप गिरी, संजय सिंह, अरविंद सिंह, कमल लोचन बेरा आदि उपस्थित थे.
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