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तिरूलडीह में चल रहा है रात के अंधेरे में झारखंड के राजस्व की लूट, जिम्मेदार पदाधिकारी है लूट का माल बटोरने में…..

(तिरूलडीह बालू घाट में एक रात में लगती है 1़लाख 50 हजार की बोली…)

चांडिल (सुदेश कुमार) कहते कि कानून तोड़ने के लिए कानून की पढाई आवश्यक है । पीला सोना की लूट की हिस्सा पहले से तय है । यू कहा जाय की नेताओं के साथ -साथ झारखंड के तमाम वेतनभोगी पदाधिकारी और कर्मचारियों की भी ईडी की छापा होनी चाहिए।

आंख और नाक के नीचे रात के अंधेरे में झारखंड को लूटा जा रहा जिम्मेदार कौन….

सरायकेला जिला के तिरूलडीह में बालू माफिया इस कदर रात के अंधेरे में झारखंड के राजस्व को लूटा रहा है । जिम्मेदार अधिकारी उन लूट में साफ तौर पर शामिल देखा जा रहा है। ऐसे तो प्रतिदिन 50 से 100 हाईवा बालू बंगाल के एडिट चलान के जरिये झारखंड का बालू बेचा जाता है । जिस पर पुलिस प्रशासन की नजरे लगी रहती है । आंख और नाक के नीचे से बालू का उठाव हो रहा है । प्रमाण तौर पर रात को बालू का विडियो भी जारी किया जा रहा है । यह विडियो शुक्रवार की 9 से 10 बजे की विडियों है । तिरूलडीह और सापारूम के बीच के कब्रिस्तान के समीप से प्रत्येक दिन 100 से अधिक रात के अंधेरे में हाईवा में जेसीबी से बालू का उठाव किया जा रहा

इतना ही नहीं बल्कि 2021-22 में खनन पदाधिकारी सनी कुमार ने कब्रिस्तान के समीप अवैध बालू डम्प को जब्त किया था जिससे अबैध कारोबारी के बेच दिया । वही वर्तमान में जिला खनन पदाधिकारी ज्योति शंकर सतपती ने लगभग 20 लाख से अधिेक अवैध बालू डम्प को जब्त किया था उस डम्प से बालू का उठाव किया जाता है । फिर माफिया द्वारा बालू डम्प को जस का तस बना दिया जाता है । वही आपको बता दे कि तत्काल जेसेएमडीसी द्वारा चलान नहीं दे रही है । कारण जिला खनन पदाधिकारी ज्योति शंकर सतपती ने बताया कि तत्काल खनन पट्टा की अवधि पूर्ण होने के कारण चलान निर्गत नही कर रही है ।

तो रात के अंघेरे में बालू कारोबारी स्थानिय थाना को विश्वास में लेकर 8 घंटे में झारखंड का बालू 1़लाख 50 हजार कीे रकम का लाभ अधिकारियों को हो रही है । बता दे की तिरूलडीह थाना से तिरूलडीह और सापारूम के बीच के कब्रिस्तान महेज 5 किलोमिटर बताया जा रहा है । जहां बेखाफ होकर पुलिस के आंख और नाक के नीचे बालू माफिया बालू को परिचालन कर रहे है ।

 

ऐसे में झारखंड की खनिज संपदा और कानून जानेने वाले ही संलिप्त हो तो झारखंड के जल जंगल जमीन की रक्षा कौन करेगा………

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