डॉ0रूपाय और रूहीदास मांझी मिलकर जमीन पर किया जबरन कब्जा, काम रोकने आये जमीन मालिक को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा हुआ जख्मी, चांडिल थाना में कि शिकायत…
चांडिल: (सुदेश कुमार) देखा जाए तो आसनबनी और रामगढ़ में आदिवासी जमीनों की खरीद-विक्री का मामला होता रहा है । इस दौरान जमीन मालिक को डर धमका कर और पदाधिकारीयों को पैसे बांट कर जमीन को बेचने की प्रक्रिया झारखंड अलग होने के बाद प्रारंभ हो चुका है । प्रमाण के तौर पर आज भी कई छोटे मोटे कम्पनी अवस्थिति किया गया है ंजो आदिवासीयों की जमीन पर वर्षो से चल रहा है ।
चुकी पहले आदिवासी समुदाय के लोगों में शिक्षा का अभाव होने के कारण वर्तमान खतियानधारी जमीन मालिक महेश्वर मांझाी ने बताया कि मेरे दादाजी स्व0लखन माझी पिता स्व0 मतला माझी के खतियान सं0 341 प्लाट सं0 78 कुल रकवा 86 डीसमिल में से 66 डीसमिल जमीन 12,000 रूपये में डॉ0 रूपाय और रूहीदास मांझी के पिता स्व0 गुरूचरण मांझी को बेचा था जो उक्त जमीन पर विवाद केस सं 08/2024 पर 144 लगाया गया था जिसमें अंचल के रिपोर्ट के आधार पर महेश्वर मांझी के पास शेष भूमि 20 डिसमिल बताया गया है ।
वही महेश्वर मांझी ने बताय की पुर्वज के द्वारा बेचे गये भूमि को मैं सम्मान करता हूॅं । परन्तु बचे जमीन पर डॉ रूपाय मांझी और उसका भाई रूही दास मांझाी द्वारा जबरन भूमि को कब्जा कर रहा है । दिनांक 29/ 07/2024 को खतियान सं0 341 प्लाट सं0 78 कुल रकवा 86 डीसमिल जमीन पर घेराबन्दी किया जा रहा था । जानकारी हुई तो में जमीन पर पहुंचा तोे 66 डीसमिल जमीन के आलावे मेरे पुर्वज के द्वारा 20 डीसमिल भूमि को भी घेराबन्दी कर रहा था ।
जिसका विरोध करने पर दौनों भाई ने मुझे दौड़- दौड़कर मुझे मारा गया । इस दौरान दोनों बोल रहे थे कि आज जान से मार देगें कहानी ही खत्म हो जाएगा । वही महेश्वर माझी ने डॉ रूपाय और रूहीदास मांझी पर आने शिकायत पत्र में लिखा है कि मुझे कभी भी जान से मार डालेगा ।
वही स्थानिय लोगों ने बताया की उक्त भूमि को लेकर पंचायत में बैठक किया गया था । की भूमि की मापी कराया जा जिसपर पंचायत के बातो को डॉ रूपाय और रूहीदास मांझी ने माने से इंकार कर दिया था । आज भी महेश्वर मांझी जमीन मापी को लेकर तैयार है । परन्तु डॉरूपाय को मेरे द्वारा दिनांक 29/07/2024 को मामले की जानकारी हेतु समय 5 बजकर 35 मिनट पर दो वार रिंग हुई परन्तु उठाया नहीं गया । कारण जो भी हो ।